Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़39 year old inspector died of heart attac Returned home from gym drank milk and immediately his condition deteriorated

जिम से घर लौटे, दूध पीया और देखते ही देखते हालत बिगड़ी, 39 साल के दारोगा की हार्ट अटैक से मौत

कानपुर में काकादेव थाने में तैनात दरोगा की गुरुवार सुबह हार्ट अटैक मौत हो गई। दारोगा जिम करके घर लौटे थे। दूध पीने के बाद अचानक हालत बिगड़ गई और अस्पताल में दम तोड़ दिया।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानThu, 24 Oct 2024 10:40 PM
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कानपुर में काकादेव थाने में तैनात दरोगा की गुरुवार सुबह हार्ट अटैक मौत हो गई। दारोगा जिम करके घर लौटे थे। दूध पीने के बाद अचानक हालत बिगड़ने पर पत्नी व उनके साथी उन्हें गाड़ी से लेकर कार्डियोलॉजी पहुंचे। जहां डॉक्टर ने दरोगा को मृत घोषित कर दिया। मूलरूप से बुलंदशहर के ग्राम जरिया आलमपुर, निवासी 39 वर्षीय विष्णु कुमार शर्मा काकादेव थाने में दरोगा पद पर तैनात थे। वह पी रोड स्थित विजय टावर अपार्टमेंट में पत्नी रजनी और दो बेटे कनिष्क और तनिष्क के साथ रहते थे।

गुरुवार सुबह लगभग साढ़े दस बजे विष्णु जिम में वर्कऑउट करके आए थे। घर पहुंचने पर पत्नी ने उन्हें एक गिलास दूध दिया। दूध पीने के बाद दरोगा ने पत्नी से सीने में तेज दर्द व जलन की बात कही। पति की हालत बिगड़ने पर रजनी ने अपार्टमेंट में रहने वाले उनके साथी दरोगा को मामले की जानकारी दी। आनन-फानन में साथी दरोगा को कार्डियोलॉजी लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया। मृतक के शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

शाम तक पत्नी को नहीं दी गई दरोगा की मौत की जानकारी

दरोगा विष्णु कुमार की मौत सुबह करीब साढ़े 11 बजे कार्डियोलॉजी में हो गई थी। उस वक्त दरोगा के पास पत्नी रजनी और दोनों बेटे तनिष्क और कनिष्क थे। बड़े बेटे ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि पिता की मौत की जानकारी मां को न दी जाए। जबतक बुलंदशहर से उसकी बाबा-दादी न आ जाएं। देर शाम परिजनों के आने के बाद पुलिस ने रंजनी को विष्णु की मौत की जानकारी दी।

नौ दिन पहले काकादेव थाने में हुई थी तैनाती

साथी दरोगा प्रशांत ने बताया कि दरोगा विष्णु कुमार शर्मा की कानपुर में सन् 2020 में सीसामऊ थाने में तैनाती हुई थी। तब से वह जवाहर नगर चौकी प्रभारी थे। अभी 16 अक्तूबर को विष्णु का तबादला काकादेव थाने में हो गया था।

साथियों ने बताया कि विष्णु बहुत मिलनसार थे। स्टॉफ के साथ- साथ थाने में आने वाले फरियादियों की समस्याओं को वह बड़े सलीके से सुनते थे। वह लोगों की ज्यादतर समस्याओं के लिए कार्यरत रहे थे।

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