दो हजार के 346 लाख नोट अब भी धन्नासेठों की तिजोरियों में, रिजर्व बैंक ने जारी की रिपोर्ट
- विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी बड़ी संख्या में नोटों का बाजार से न लौटना कालेधन की तरफ संकेत कर रहा है। इसे सफेद करने की जुगत में ही नोट अब तक तिजोरियों में कैद हैं। 19 मई 2023 को चलन से बाहर किए गए दो हजार के नोट को अब भी रिजर्व बैंक वापस ले रहा है।
Two thousand rupee note: चलन से बाहर होने के 18 महीने बाद भी दो हजार रुपये के 346 लाख नोट (6,909 करोड़ रुपये) अभी तक रिजर्व बैंक नहीं लौटे हैं। इस साल जनवरी से 15 नवंबर तक 116 लाख गुलाबी नोट वापस पहुंचे हैं। रिजर्व बैंक की ताजी रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी बड़ी संख्या में नोटों का बाजार से न लौटना कालेधन की तरफ संकेत कर रहा है। इसे सफेद करने की जुगत में ही नोट अब तक तिजोरियों में कैद हैं। रिपोर्ट के मुताबिक साल की शुरुआत में पांच जनवरी 2024 तक आरबीआई को 462 लाख नोटों (9,237 करोड़ रुपये) की वापसी का इंतजार था। 19 मई 2023 को चलन से बाहर किए गए दो हजार के नोट को अब भी रिजर्व बैंक वापस ले रहा है। इससे पहले 09 अक्तूबर 2023 तक सभी बैंकों में नोट वापस करने की व्यवस्था भी रही। बावजूद इसके करीब सात हजार करोड़ रुपये मूल्य के नोट वापस नहीं किए गए।
सर्वाधिक 20 लाख नोट मार्च तक लौटे
आरबीआई आंकड़ों के मुताबिक फरवरी से मार्च के बीच रिजर्व बैंक के खजाने में सर्वाधिक 20 लाख गुलाबी नोट पहुंचे। छह सितंबर तक 361 लाख दो हजार के नोट बाजार में थे। 15 नवंबर तक 346 लाख नोट बाजार में ही हैं। यानि ढाई माह के दौरान 15 लाख नोट रिजर्व बैंक के खजाने में वापस आए।
सीए और आर्थिक विशेषज्ञ छवि जैन ने बताया कि चलन से बाहर होने के डेढ़ साल बाद भी दो हजार के 346 लाख नोटों का आरबीआई करेंसी चेस्ट में न लौटना हैरान करने वाला है। यह कालेधन की ओर संकेत कर रहा है। सरकार को शत प्रतिशत नोटों की वापसी के लिए मास्टर प्लान तैयार करना चाहिए।
पीएनबी प्रोग्रेसिव एम्पलाइज एसोसिएशन के चैयरमैन संजय त्रिवेदी ने कहा कि यह रकम निश्चित तौर पर काला धन है। नोटों को दबाकर रखने वाले अर्थव्यवस्था से खिलवाड़ कर रहे हैं। इन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।