Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़3 out of 10 children who died in jhansi medical college fire have not been identified yet condition of 7 is critical

झांसी मेडिकल कॉलेज की आग में मरे 10 में से 3 बच्‍चों की अभी तक नहीं हो पाई पहचान, 7 की हालत नाजुक

  • आग और धुएं के बीच फंसे रहने के बाद रेस्‍क्‍यू किए गए 37 नवजात बच्‍चों में से सात की हालत नाजुक बनी हुई है। इन बच्‍चों को इलाज के लिए निजी अस्‍पताल में ले जाया गया है। हादसे के कारणों की जांच की जा रही है। मारे गए 10 बच्‍चों में से तीन की अभी तक पहचान न नहीं हो सकी है।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, झांसी। हिन्‍दुस्‍तानSat, 16 Nov 2024 11:05 AM
share Share

Jhansi Medical College Fire: झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू (NICU) की आग में मारे गए 10 बच्‍चों में से तीन की अभी तक पहचान न नहीं हो सकी है। वहीं हादसे में आग और धुएं के बीच फंसे रहने के बाद रेस्‍क्‍यू किए गए 37 नवजात बच्‍चों में से सात की हालत नाजुक बनी हुई है। इन बच्‍चों को इलाज के लिए निजी अस्‍पताल में ले जाया गया है। हादसे के कारणों की जांच की जा रही है।

शुक्रवार की रात महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में रूह कंपा देने वाली घटना सामने आई। रात करीब साढ़े 10 बजे यहां अचानक आग लग गई। आग लगने का कारण अभी तक सामने नहीं आया है। इस बीच सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है यह आग ऑक्सीजन सिलेंडर के हाई फाइटिंग अरजेंट के फुल होने पर हुए ब्लास्ट या शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी। आग से 10 शिशुओं की झुलसकर और दम घुटने से मौत हो गई। जबकि सात अब भी गंभीर हैं। उन्हें प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

लोगों का गुस्‍सा सातवें आसमान पर

शनिवार को घटना के बाद लोगों को गुस्सा सातवें आसमान पर दिखा। उन्होंने आरोप लगाया कि मरने वालों की संख्या के काफी अधिक है। इसे छिपाया जा रहा है। अस्‍पताल में बड़ी लापरवाही हुई है। मारे गए सात शिशुओं की पहचान हो चुकी है। जबकि तीन की अब तक पहचान नहीं हुई है। रेस्‍क्‍यू किए गए 7 शिशुओं की हालत अब भी नाजुक बताई जा रही है। उन्हें प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पता चला है कि यूनिट में करीब 49 बच्चे एडमिट थे। तड़के दो बजे डिप्टी सीएम बृजेश पाठक वहां पहुंचे। उन्होंने मामले की जांच के निर्देश दिए। उन्‍होंने कहा कि आग कब, कैसे, क्यों और किसकी लापरवाही से लगी? सबकी जांच होगी? कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि वेंटीलेटर पर रखे 10 शिशुओं की मौत हुई है। वार्ड में कुल 49 एडमिट थे। ऑक्सीजन के माध्यम से आग भड़की है। बच्चों को रेस्क्यू करके सेफ किया गया है। क्रिटिकल वार्ड के बाहर की यूनिट के सभी बच्चों को बचा लिया गया है। सात बच्चों की शिनाख्त हो चुकी है। तीन की पहचान नहीं पाई है। उनके परिवारीजनों से लगातार संपर्क किया जा रहा है। लेकिन, उनके मोबाइल स्वीच ऑफ आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि सात बच्चों का इलाज चल रहा है। बच्‍चों को प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया है। एक शिशु को ललितपुर अपने घर परिजन ले गए हैं तो दूसरे मऊरानीपुर। छह अपनी माताओं के साथ चल गए हैं। 10 बच्चे की मौत हुई है। सात की पहचान हो चुकी है। तीन की नहीं हो पा रही है। छह परिजनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। उनका मोबाइल स्वीच ऑफ है। अगर कोई नहीं आता है तो डीएनए कराया जाएगा।

18 के स्थान पर 49 बच्चे कैसे हुए भर्ती?

मेडिकल कॉलेज के क्रिटिकल केयर यूनिट निक्कू में बीती रात आग के तांडव से बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां आग के बाद भरे धुएं में कई शिशुओं का दम घुट गया। वहीं तेज आग से वेंटीलेटर मशीन भी पिघलकर बच्चों पर गिर गई। लोगों का आरोप है कि वार्ड में 18 बच्‍चों के लिए ही बेड हैं लेकिन वहां 49 बच्चे भर्ती थे।

चीखों से बिलख पड़ा अस्पताल

रात 10 बजे के करीब अस्पताल में माहौल सामान्य था। 10.20 बजे वॉर्ड व्यॉय आया। इसके बाद जूनियर डॉक्टर भी वहां पहुंचे। नर्स रूम में स्टॉफ इक्का-दुक्का था। साढ़े 10 बजे के करीब अचानक तेज प्रेशर हुआ। इसके बाद हर तरफ चीखें थीं। देखते ही देखते वहां भगदड़ मच गई।

अगला लेखऐप पर पढ़ें