कानपुर में एंजाइना समझकर कॉर्डियोलॉजी पहुंच रहे लोग, 1600 से अधिक निकले पथरी के मरीज
ठंड की शुरुआत से ही अब तक ऐसे मरीज दिनभर कानपुर कार्डियोलाजी में पहुंच रहे हैं जिनके सीने में दर्द हो रहा है। लेकिनजांच में पथरी या गैस का दर्द पाया गया है। अकेले 1 से 20 जनवरी के बीच 1650 मरीज कॉर्डियोलॉजी पहुंचे हैं।
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मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करने वाले 36 साल के युवक सीने में दर्द होने पर कानपुर के कॉर्डियोलाजी सेंटर पहुंचा। घर वालों ने इसे हार्ट अटैक माना और घबरा गए। जांच में हार्ट बिलकुल स्वस्थ मिला अलबत्ता आगे की जांचों में पथरी की पहचान हुई। जाड़े की शुरुआत से ही अब तक ऐसे मरीज दिन भर कार्डियोलाजी में पहुंच रहे हैं। अकेले 1 से 20 जनवरी के बीच 1650 मरीज सीने में दर्द से तड़पते हुए पहुंचे और अंतत: उन्हें पथरी या गैस का दर्द पाया गया। हृदय रोग संस्थान (कार्डियोलॉजी) ने इन मरीजों की केस हिस्ट्री तैयार की है।
अस्पताल के आंकड़ों के मुताबिक, हृदय रोग के भ्रम के मरीजों में 70 फ़ीसदी 35 से 50 साल की आयु वाले हैं। इन्हें गॉलब्लैडर किडनी में पथरी के अलावा गैस की तकलीफ है। निदेशक डॉ आरके वर्मा के अनुसार, पथरी और गैस की तकलीफ को हृदय रोग समझने वाले मरीजों की अच्छी खासी संख्या है। ऐसे मरीज हृदय रोग संबंधी जानकारी अधिक न होने के कारण भ्रम में होते हैं। सीने के आसपास किसी भी तरह के दर्द को हृदय रोग समझना इसकी सबसे बड़ी वजह है। लेकिन यह जागरूकता अच्छी है कि ऐसे दर्द पर लोग तत्काल डॉक्टर तक पहुंच रहे हैं। दरअसल किसी भी तरह के चेस्ट पेन में दिल का दर्द होने की संभावना हो सकती है। खुद ब खुद इसे दिल या पथरी का दर्द नहीं मान लेना चाहिए। डॉक्टर के पास तत्काल पहुंच कर रोग की पहचान कराना जरूरी है।
पूर्वांचल में अस्थमा और एलर्जी के मरीजों की बढ़ रही संख्या
दूसरी ओर पूर्वी यूपी में लगातार बदल रहे मौसम के बीच अस्थमा और एलर्जी के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। वहीं, सांस के बीमारी से जूझ रहे मरीजों का दिल भी कमजोर हो रहा है। गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलॉजी विभाग की ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है। ओपीडी में रोजाना ऐसे 40 से 50 मरीज आ रहे हैं। जिन्हें अस्थमा और एलर्जी के कारण दिल की बीमारी हो गई है। सामान्य दिनों में मेडिकल कॉलेज की कार्डियोलॉजी की ओपीडी 120 से 130 मरीजों की रहती है। जबकि ठंड बढ़ने के कारण पिछले एक महीने में ओपीडी उछलकर 150 व 160 मरीज की हो गई है।