13 साल की पोती संग रेप, कोर्ट ने 23 दिन में दुष्कर्मी दादा को सुनाई अंतिम सांस तक कारावास की सजा
- यूपी के हापुड़ जिले में रिश्ते के दादा ने 13 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म कर रिश्ते को कलंकित कर दिया। दादा के रेप के बाद बच्ची गर्भवर्ती हो गई। मेरठ के एक अस्पताल में रेप पीड़िता ने एक बच्ची को जन्म दिया।
यूपी के हापुड़ जिले में रिश्ते के दादा ने 13 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म कर रिश्ते को कलंकित कर दिया। दादा के रेप के बाद बच्ची गर्भवर्ती हो गई। मेरठ के एक अस्पताल में रेप पीड़िता ने एक बच्ची को जन्म दिया। इस मुकदमे में चार्जशीट लगने के बाद मात्र 23 कार्य दिवस में अपर जिला सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पोस्को एक्ट उमाकांत जिन्दल ने दोषी को अंतिम सांस तक कारावास की सजा सुनाई है। साथ 80 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
विशेष लोक अभियोजक हरेंद्र त्यागी और विजय चौहान ने बताया कि 31 जुलाई 2024 को हापुड़ के एक मोहल्ला निवासी व्यक्ति ने थाना बहादुरगढ़ में मुकदमा दर्ज कराया, जिसमें बताया गया कि उसके छोटे भाई व उसकी पत्नी की मृत्यु लगभग 14 वर्ष पहले हो गयी थी। उसके छोटे भाई के बच्चे उसके बहादुरगढ़ क्षेत्र के एक गांव निवासी फूफा कैलाश के पास लगभग 10-12 साल से रह रहे थे। उसकी भतीजी के साथ उसका फूफा कैलाश लगभग आठ महीने से गलत काम कर रहा था, जिससे वह गर्भवती हो गई। आरोपी फूफा उसकी भतीजी को उसके घर यह कहकर छोड़ आया कि इसके पेट में नले हो गए है। उसकी भतीजी ने यह सारी घटना उसकी पत्नी को बताई। पीड़ित की तहरीर पर बहादुरगढ़ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच कर साक्ष्य एकत्र करते हुए चार्जशीट न्यायालय प्रस्तुत किया।
राक्षसी प्रवृत्ति के आपराधिक कृत्य : कोर्ट
न्यायालय ने गुरुवार को इस मुकदमे का निर्णय सुनाते हुए घटना को राक्षसी प्रवृत्ति के आपराधिक कृत्य की संज्ञा दी है। कहा कि गंभीर प्रकृति के आपराधिक कृत्य को दृष्टिगत रखते हुए वह न्यायालय की सहानुभूति का पात्र नहीं हो सकता। विशेष लोक अभियोजक हरेंद्र त्यागी ने बताया कि अपर जिला सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पोस्को एक्ट उमाकांत जिन्दल ने कहा कि अभियुक्त कैलाश 61 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति है, उसके द्वारा बिना माता-पिता की अबोध बालिका/पीड़िता के साथ, जिसका यह रिश्ते में दादा लगता था ने लालन पालन के बहाने अपने घर रखकर कई बार बलात्कार किया, जिसके परिणाम स्वरूप पीड़िता गर्भवती हो गई। रिश्तों की मर्यादा को तार-तार करते हुए अभियुक्त कैलाश द्वारा अपनी उम्र और पीड़िता की स्थिति व परिस्थिति को नजरअंदाज करते हुए यह राक्षसी प्रवृति का आपराधिक कृत्य किया है।