129 साल के योगी बाबा शिवानंद का देहावसान, सरकार ने पद्मश्री से किया था सम्मानित
अस्वस्थ होने के कारण 30 अप्रैल को उन्हें बीएचयू अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाबा शिवानंद का शव बीएचयू अस्पताल से रात करीब साढ़े 11 बजे कबीरनगर कॉलोनी स्थित उनके आवास पर लाया गया, जहां रविवार को शाम तक लोग उनके पार्थिव शरीर का दर्शन कर सकेंगे।

मन पर नियंत्रण को जीवन का मूल मंत्र बनाकर 129 वर्ष का सुदीर्घ जीवन जीनेवाले पद्मश्री बाबा शिवानंद का शनिवार रात निधन हो गया। वर्तमान में बांग्लादेश के श्रीहट्ट जिले में आठ अगस्त 1896 को जन्मे योगी बाबा शिवानंद ने रात 8:50 बजे अंतिम सांस ली।
अस्वस्थ होने के कारण 30 अप्रैल को उन्हें बीएचयू अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाबा शिवानंद का शव बीएचयू अस्पताल से रात्रि करीब साढ़े 11 बजे कबीरनगर कॉलोनी स्थित उनके आवास पर लाया गया, जहां रविवार को शाम तक लोग उनके पार्थिव शरीर का दर्शन कर सकेंगे। उनका अंतिम संस्कार चार मई को देर शाम किए जाने की संभावना है। देश के विभिन्न हिस्सों से उनके अनुयायियों के आने की प्रतीक्षा की जाएगी। बाबा शिवानंद के निकटस्थ शिष्य देवाशीष दास ने बताया कि अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में विलंब भी हो सकता है।
बाबा का अवसान काशी के लिए अपूरणीय क्षति
वाराणसी। योगी शिवानंद के निधन की जानकारी पर शनिवार की देर रात भाजपा कार्यकर्ताओं ने शोक जताया। उन्होंने कहा कि शिवानंद योग परम्परा के संवाहक थे, जिनका अवसान काशी के लिए अपूरणीय क्षति है।
भारी संख्या में काशी पहुंच रहे अनुयायी
पश्चिम बंगाल, असम, ओडिशा, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, कर्नाटक प्रदेश के विभिन्न शहरों में रहने वाले बाबा के अनुयायियों में से कुछ ने काशी के लिए प्रस्थान कर दिया है। वहीं कुछ संसाधनों की प्रतीक्षा में हैं। अमेरिका और इंग्लैंड में रहने वाले उनके कुछ अनुयायियों ने भी अति शीघ्र काशी पहुंचने की मंशा जाहिर की है। ऐसे में संभव है कि चार मई को देर रात अथवा पांच की सुबह बाबा का अंतिम संस्कार किया जाए। उनके निधन की खबर तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी। योग के निरोग रहते हुए समाज की सुदीर्घ सेवा करने के लिए उन्हें वर्ष 2022 में पद्मश्री से अलंकृत किया था। राष्ट्रपति भवन में पद्म अलंकरण से पूर्व समारोह में षाष्टांग दंडवत करने वाले वह देश के पहले मनीषी थे।
जताया शोक
प्रदेश सरकार में स्टाम्प राज्यमंत्री रवींद्र जायसवाल ने कहा कि शिवानंद जी के योग की प्रसिद्धि देश ही नहीं बल्कि दुनिया में थी। 129 वर्ष में भी अभ्यास करना और उनकी जीवन शैली लोगों के लिए प्रेरणादायी रही। आयुष राज्यमंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र दयालु ने शोक जताते हुए कहा कि पिछले वर्षों में राष्ट्रपति के हाथों पद्म अलंकरण लेने से पूर्व दंडवत करना उनकी सरलता और सहजता को प्रदर्शित करता था। कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, पूर्व मंत्री नीलकंठ तिवारी, महापौर अशोक तिवारी, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, डॉ. अवधेश सिंह, टी. राम, जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा, एमएलसी धर्मेंद्र राय आदि ने भी शोक प्रकट किया।