आरजेडी सांसद मीसा भारती ने नीतीश कुमार को लेकर चल रहीं अटकलों को लेकर कहा कि राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है। खरमास खत्म होने के बाद ही शुभ कार्य शुरू होते हैं। नीतीश कुमार के लिए हमेशा दरवाजे खुले हैं।
Kharmas me kya karna chaiye aur kya nahi: खरमास के दौरान कुछ नियमों का पालन करना अत्यंत शुभ माना गया है। जानें खरमास के दौरान क्या करें और क्या नहीं-
Kharmas 2024 Pooja : सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करते ही खरमास का महीना प्रारंभ हो जाता है। खरमास के दौरान दान, पुण्य, जप और भगवान का ध्यान लगाने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
सूर्य देव हर माह में राशि परिवर्तन करते हैं। सूर्यदेव 2 दिन बाद यानी 15 दिसंबर को वृश्चिक राशि से धनु राशि में प्रवेश करेंगे। दृग पंचांग के अनुसार, 15 दिसम्बर की रात 10 बज कर 19 मिनट पर सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
मांगलिक कार्यों पर 15 दिसंबर से फिर एक माह के लिए विराम लगने जा रहा है। इसकी वजह यह है कि 15 दिसंबर को सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने से खरमास प्रारंभ हो जाएगा, जो 13 जनवरी तक रहेगा।
16 दिसंबर से खरमास लगेगा। इस कारण एक बार फिर से मांगलिक कार्यों पर प्रतिबंध लग जाएंगे। शादी-विवाह के अलावा गृह प्रवेश और अन्य शुभ कार्य पर लग जाएंगे प्रतिबंध। सूर्य के धनु राशि में प्रवेश से शुभ कार्य वर्जित हो जाते हैं।
Kharmas, shaadi shubh muhurat vivah : इस साल 15 दिसंबर से खरमास की शुरुआत हो रही है। सही मुहूर्त में शुभ कार्य करने से उसका अच्छा परिणाम मिलता है। इसलिए विवाह से पहले भी शुभ तिथि और मुहूर्त देखा जाता है।
खरमास 15 दिसंबर से लग रहा है। इसके साथ ही एक माह तक शुभ कार्य नहीं होंगे। इस दिन सूर्य रात 10:19 बजे धनु राशि में प्रवेश करेंगे और 30 दिनों तक इसी राशि में रहेंगे। खरमास साल भर में दो बार लगता है, जिसका समय एक महीने तक होता है।
इस बार खरमास का महीना 15 दिसंबर से शुरू हो रहा है जो नये साल 15 जनवरी को समाप्त होगा। इस दौरान विवाह, सगाई, यज्ञ, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य नहीं होंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूरे एक वर्ष में दो बार ऐसा मौका आता है जब खरमास लगता है।
दरअसल इस राशि में जाने से सूर्य की शक्ति कमजोर हो जाती है, और सूर्य ही हमारी पृथ्वी पर ऊर्जा का प्रमुख साधन है। 2025 में अप्रैल में खरमास लगेगा जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करेंगे।
Kharmas 2024 : सूर्य देव के बृहस्पति की राशि में गोचर करने के साथ खरमास की शुरुआत होगी। खरमास को शुभ समय नहीं माना जाता है। इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।