Hindi Newsखेल न्यूज़Sakshi Malik refuses to participate in Asian Games says will not go without trial Sakshee Malikkh news

बजरंग और विनेश की तरह नहीं जाऊंगी एशियन्स गेम, ट्रायल दूंगी; खुलकर विरोध में उतरीं साक्षी मलिक

साक्षी ने कहा कि वह बिना ट्रायल किसी भी टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेंगी। समाचार एजेंसी एएनआई को दिए बयान में साक्षी मलिक ने सरकार की तरफ से आए फोने का जिक्र किया है।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 20 July 2023 07:58 PM
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भारतीय स्टार रेसलर साक्षी मलिक ने एशियन्स गेम में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह बिना ट्रायल किसी भी टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं नहीं लेंगी। समाचार एजेंसी एएनआई को दिए बयान में साक्षी मलिक ने सरकार की तरफ से आए फोने का जिक्र किया है। साक्षी मलिक ने कहा, "मुझे 3-4 दिन पहले सरकार की तरफ से फोन आया था कि हम बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को एशियन्स गेम के लिए भेज रहे हैं, आप भी मेल कर दो आपको भी भेज देंगे। मैंने साफ मना कर दिया। मैं कभी भी बिना ट्रायल के किसी टूर्नामेंट में न ही गई हूं और न जाना चाहती हूं।"

उधर दिल्ली की एक अदालत ने महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले में भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को गुरुवार को नियमित जमानत दे दी। अदालत ने डब्ल्यूएफआई के निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर की जमानत अर्जी भी मंजूर कर ली।

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल सिंह ने कहा, ''मैं कुछ शर्तों के साथ 25,000 रुपये के एक मुचलके पर जमानत मंजूर करता हूं।'' अदालत ने आरेापी को अनुमति के बगैर देश से बाहर न जाने और मामले में गवाहों को कोई प्रलोभन न देने का भी निर्देश दिया। दिल्ली पुलिस ने छह बार के सांसद के खिलाफ 15 जून को भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला या आपराधिक बल प्रयोग करना), 354ए(यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) और 506 (आपराधिक भयादोहन) के तहत आरोपपत्र दाखिल किया था। अदालत ने दिन में, सिंह और तोमर की जमानत अर्जियों पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

न्यायाधीश ने आरोपियों के वकीलों, अभियोजन और शिकायतकर्ताओं की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान, दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे सरकारी वकील ने अदालत से कहा कि आरोपियों पर कानून के मुताबिक मुकदमा चलाया जाए और राहत दिए जाने पर कुछ शर्तें लगाई जाएं।

अदालत ने जब अभियोजक से पूछा कि क्या वह जमानत याचिका का विरोध कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा, “मैं न तो विरोध कर रहा हूं और न ही समर्थन कर रहा हूं।” उन्होंने अदालत से कहा, “अर्जी का निस्तारण कानून और न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुसार किया जाना चाहिए।” शिकायतकर्ताओं की ओर से पेश हुए वकील ने अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी बहुत प्रभावशाली है।
     
उन्होंने अदालत से कहा, “जमानत नहीं दी जानी चाहिए। यदि इसकी अनुमति दी जाती है, तो कड़ी शर्तें लगाई जानी चाहिए। समय-समय पर गवाहों से संपर्क किया गया है, हालांकि कोई खतरा नहीं है।” आरोपी के वकील ने अदालत से कहा कि वह सभी शर्तों का पालन करेंगे। बचाव पक्ष के वकील ने अदालत से कहा, “कोई धमकी वगैरह नहीं दी जाएगी। कानून बहुत स्पष्ट है। उन्हें जमानत दी जानी चाहिए। मैं शर्तों का पालन करने का वचन दे रहा हूं।”

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