एशियन गेम्स को लेकर मीराबाई चानू ने उठाया बड़ा कदम, वर्ल्ड चैंपियनशिप में जाएंगी तो लेकिन नहीं उठाएंगी वजन
इंटरनेशनल वेटलिफ्टिंग फेडरेशन नियमों के मुताबिक एक वेटलिफ्टर को वर्ल्ड चैम्पियनशिप में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए हिस्सा लेना जरूरी नहीं है बल्कि उसे वजन कराकर अपनी उपस्थिति दिखानी होगी।
टोक्यो ओलंपिक सिल्वर मेडलिस्ट और भारत की स्टार महिला वेटलिफ्टर मीराबाई चानू की निगाहें एशियन गेम्स में मेडल जीतने पर लगी हुई है। इसी वजह से वह अगले हफ्ते से शुरू होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप में वजन (बारबेल) नहीं उठाएंगी। बल्कि मीराबाई चानू पेरिस ओलंपिक के लिए अपनी हिस्सेदारी की जरूरी औपचारिकता पूरी करने के लिए ही जाएंगी। पेरिस ओलंपिक के लिए वर्ल्ड चैम्पियनशिप अनिवार्य क्वालीफाइंग टूर्नामेंट है, जो 4 सितंबर से रियाद में शुरू होगा जबकि एशियन गेम्स इससे 20 दिन से भी कम समय में 23 सितंबर से चीन के हांगझोउ में आयोजित होंगे।
इन दो टूर्नामेंट्स के बीच इतना कम समय है कि इससे वेटलिफ्टर्स के लिए दोनों टूर्नामेंट में अपना वजन सही रखने और शिखर पर पहुंचना मुश्किल हो जाएगा। पर उन्होंने एशियन गेम्स को प्राथमिकता देने का फैसला किया क्योंकि उनके मेडल में सिर्फ इसी की कमी है। मीराबाई 2017 में वर्ल्ड चैम्पियनशिप जीत चुकी हैं जिससे वह इससे हट सकती थीं लेकिन 2024 ओलंपिक क्वालीफिकेशन नियम के अंतर्गत एक वेटलिफ्टर को 2023 वर्ल्ड चैम्पियनशिप और 2024 वर्ल्ड कप में हिस्सा लेना अनिवार्य है।
मुख्य कोच विजय शर्मा ने कहा, 'एशियन गेम्स और वर्ल्ड चैम्पियनशिप के बीच बहुत ही कम समय है। वर्ल्ड चैम्पियनशिप में भाग लेना अनिवार्य है तो हमने फैसला किया कि मीराबाई केवल रियाद जाएगी और अपना वजन कराएगी।' उन्होंने कहा, 'वह सभी अनिवार्य 'प्रोटोकॉल' पूरे करेंगी जैसे डोप जांच (अगर जरूरी हुआ तो)। लेकिन वह कोई वजन नहीं उठाएगी। वह वहां सिर्फ भागीदारी के लिए जा रही है।' इंटरनेशनल वेटलिफ्टिंग फेडरेशन (आईडब्ल्यूएफ) नियमों के मुताबिक एक वेटलिफ्टर को वर्ल्ड चैम्पियनशिप में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए हिस्सा लेना जरूरी नहीं है बल्कि उसे वजन कराकर अपनी उपस्थिति दिखानी होगी।
मीराबाई 49 किग्रा वजन वर्ग में हिस्सा लेती हैं और उन्होंने वर्ल्ड चैम्पियनशिप में महज 60 किग्रा के वजन के लिए ही रजिस्टर किया है। इसके आधार पर उन्हें टूर्नामेंट के ग्रुप डी में रखा गया है। जो वेटलिफ्टर ऊंचे वजन के लिए रजिस्टर कराता है, उसी के आधार पर उन्हें ग्रुप ए, ग्रुप बी आदि में जगह मिलती है। वहीं मीराबाई के मेडल में केवल एशियन गेम्स के मेडल की कमी है और इस मणिपुर की खिलाड़ी ने बार-बार कहा है कि वह इस राउंड में यह मेडल जीतना चाहती हैं।
एशियन गेम्स में मेडल जीतना हालांकि इतना आसान नहीं होगा क्योंकि इस महाद्वीपीय टूर्नामेंट में वेटलिफ्टिंग के मजबूत देश जैसे चीन, कोरिया और थाईलैंड हिस्सा लेंगे। शर्मा ने कहा, 'हम एशियाई खेलों में 90 किग्रा (स्नैच में) पार करने का लक्ष्य बनाए हैं। हम काफी समय से इस वजन से ऊपर जाने की कोशिश कर रहे हैं। हम यहां ट्रेनिंग में मीरा के स्नैच पर ध्यान लगा रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'हमें मीरा के शरीर को भी ध्यान में रखना होगा। उसकी उम्र बढ़ रही है और उम्र बढ़ने के साथ चोटिल होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए हमें उसके वर्कलोड से सतर्क रहना होगा।' शर्मा ने कहा, 'इस समय वह अच्छी स्थिति में है। छोटी-छोटी चोट लगती रहती हैं लेकिन कुछ भी गंभीर नहीं है।'
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