जीत के बाद मेसी को क्यों पहनाई गई ब्लैक ड्रेस, जानिए क्या है इससे जुड़ी परंपरा; चर्चा में क्यों है बिश्ट
फीफा फाइनल में जीत के बाद मेसी को ब्लैक ड्रेस पहनाई गई थी। अब सोशल मीडिया पर इसको लेकर काफी ज्यादा चर्चा है। आइए जानते हैं आखिर क्या है यह ब्लैक ड्रेस और इसे मेसी को क्यों पहनाया गया...
रविवार को कतर में फुटबॉल वर्ल्डकप संपन्न हुआ। इस जीत के साथ 36 साल बाद वर्ल्ड फुटबॉल पर अर्जेंटीना की बादशाहत फिर से कायम हुई। वहीं, अर्जेंटीनी कप्तान मेसी का विश्वकप जीतने का सपना भी पूरा हुआ। जीत के बाद जब मेसी विश्वकप की ट्रॉफी लेने पहुंचे तो उन्हें एक खास किस्म की ब्लैक ड्रेस पहनाई गई। अब सोशल मीडिया पर इसको लेकर काफी ज्यादा चर्चा है। आइए जानते हैं आखिर क्या है यह ब्लैक ड्रेस और इसे मेसी को क्यों पहनाया गया...
किसने पहनाई मेसी को ब्लैक ड्रेस
वर्ल्डकप के फाइनल मुकाबले के बाद जरूरी रस्में अदा की जा रही थीं। अर्जेंटीनी टीम के सभी खिलाड़ियों को मेडल पहनाए गए। कप्तान होने के नाते मेसी सबसे आखिर में आए। उन्हें भी मेडल पहनाया गया। इसके बाद कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने उन्हें एक खास किस्म की ड्रेस पहनाई। काली और सुनहरी रंग की यह ड्रेस जालीदार कपड़े से बनी थी। बाद में मेसी ने इसी ड्रेस में वर्ल्डकप की ट्रॉफी उठाई और अर्जेंटीनी टीम के साथ जश्न भी मनाया। पूरे फोटो सेशन के दौरान मेसी लगातार इस ड्रेस को पहने हुए थे।
आखिर इस ड्रेस को कहते क्या हैं?
जानकारी के मुताबिक यह ड्रेस बेहद खास है और खास मौकों पर ही पहनी जाती है। बीबीसी के मुताबिक कतर टूर्नामेंट आयोजन समिति के महासचिव हसन अल थवाडी ने बताया कि इस ड्रेस को मेसी की जीत के सम्मान में उन्हें पहनाया गया था। इसके मुताबिक इस ड्रेस को बिश्ट भी कहा जाता है। एक अरब कंट्रीज की एक कल्चरल ड्रेस है, जिसे बेहद खास मौकों पर पहना जाता है। चूंकि वर्ल्डकप में फाइनल में अर्जेंटीना की जीत मेसी के लिए बेहद खास थी, इसलिए इस मौके को यादगार बनाने के लिए इस ड्रेस को मेसी को पहनाया गया।
सोशल मीडिया पर क्या हो रही चर्चा
हालांकि सोशल मीडिया पर मेसी को ब्लैक ड्रेस पहनाने पर सवाल उठ रहे हैं। कई यूजर्स ने ट्विटर पर लिखा है कि इस ड्रेस ने मेसी को उस जादुई नंबर को ढक लिया, जिससे पूरी दुनिया में उनकी पहचान होती है। वहीं, कई लोगों ने विनिंग मोमेंट के समय मेसी को काली ड्रेस पहनाने के लिए आयोजकों की आलोचना की है। कुछ लोगों तो इसके पीछे इस्लाम और अरब देशों का भी एंगल ढूंढ निकाला। वहीं दूसरी तरफ अरब देशों के पत्रकारों और वहां की मीडिया ने इसका समर्थन किया है। इन पत्रकारों ने बिश्ट पर सवाल उठाने के लिए पश्चिमी पत्रकारों को आड़े हाथों लिया है।
कैसा रहा था फाइनल मुकाबला
फीफा वर्ल्डकप का फाइनल मुकाबला बेहद रोमांचक अंदाज में खेला गया था। अर्जेंटीना ने बेहद शानदार शुरुआत की और पहले हाफ में दो गोल करके दबदबा बना लिया। करीब 80 मिनट तक मैच पर अर्जेंटीना छाया रहा, लेकिन अचानक से फ्रांस ने लगातार गोल करने शुरू किए और मुकाबला बराबरी पर ला दिया। एक्स्ट्रा टाइम में भी मुकाबला 3-3 से बराबरी पर रहा, जिसके बाद पेनाल्टी शूटआउट में अर्जेंटीनी टीम ने खिताब अपने नाम कर लिया।
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