AIFF का विवादास्पद गोल को लेकर बड़ा ऐक्शन, अध्यक्ष कल्याण चौबे ने की जांच की मांग
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष कल्याण चौबे ने मैच आयुक्त को शिकायत करके दोहा में विश्व कप क्वालीफाइंग के अपने महत्वपूर्ण मुकाबले में कतर को विवादास्पद गोल देने की जांच की मांग की है।
कतर ने मंगलवार को विवादास्पद गोल की बदौलत भारतीय फुटबॉल टीम को फीफा विश्व कप के दूसरे दौर के क्वालीफायर मुकाबले में 2-1 से हरा दिया। खराब रेफरिंग के कारण भारत फीफा विश्व कप क्वालीफायर के तीसरे दौर में प्रवेश कर इतिहास रचने का मौका चूक गया। इस बीच बुधवार को एआईएफएफ अध्यक्ष कल्याण चौबे का इस मामले पर बयान सामने आया है। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने संबंधित अधिकारियों को शिकायत करके दोहा में विश्व कप क्वालीफाइंग के अपने महत्वपूर्ण मुकाबले में कतर को विवादास्पद गोल देने की जांच की मांग की है।
एआईएफएफ अध्यक्ष कल्याण चौबे ने बुधवार को बयान में कहा, ''फीफा 2026 में कतर के खिलाफ हार और एएफसी एशियन कप 2027 प्रारंभिक संयुक्त योग्यता राउंड 2 मंगलवार रात को समापन मैच पूरे भारतीय फुटबॉल बिरादरी के लिए एक बड़ी निराशा थी। जीत और हार खेल का एक हिस्सा है, और हमने इसे स्वीकार करना सीखा है, कल रात भारत के खिलाफ किए गए दो गोलों में से एक ने कुछ सवालों खड़े किए हैं।''
उन्होंने आगे कहा, ''हम, अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ में हमेशा मानते रहे हैं कि खेल की भावना को बरकरार रखा जाना चाहिए, और बिना इस पर संदेह बढ़ाए बिना नियमों का पालन किया। इसी चीज को ध्यान में रखते हुए, हम कतर के खिलाफ मुकाबले के बाद अपने मुख्य रेफरी अधिकारी के परामर्श से फीफा हेड ऑफ क्वालीफायर, एएफसी प्रमुख रेफरी, एएफसी प्रमुख, प्रतियोगिताओं के प्रमुख और मैच कमिशनर ऑफ गेम को लिखने का फैसला किया। उनसे मैच के दौरान होने वाली गंभीर पर्यवेक्षण त्रुटि को देखने का अनुरोध किया है, जिसके कारण हमने फीफा विश्व कप क्वालीफायर राउंड 3 में जगह गंवाई।''
चौबे ने कहा, "इसकी गंभीरता को देखते हुए, हमने सभी संबंधित अधिकारियों से इस मामले की गहन जांच करने के लिए सम्मानपूर्वक अनुरोध किया है। खेल की अखंडता को सुनिश्चित करना सर्वोपरि है, हम वास्तव में भरोसा करते हैं कि फीफा और एएफसी इस संबंध में आवश्यक कदम उठाएंगे।''
भारत पर भारी पड़ा विवादास्पद गोल, कतर से हारकर फीफा वर्ल्ड कप क्वॉलीफायर से बाहर
मंगलवार को जस्सिम बिन हमाद स्टेडियम में करो या मरो के मुकाबले में भारत की 1-2 की हार के दौरान रैफरी किम वू सुंग ने गोल को स्वीकृति दी थी जबकि इससे पहले ही गेंद खेल के मैदान से बाहर जा चुकी थी। इस गोल पर काफी विवाद हुआ क्योंकि इसने 2026 के टूर्नामेंट के लिए भारत को पहली बार फीफा विश्व कप क्वालीफायर के तीसरे दौर में प्रवेश से वंचित कर दिया।
मैच के 73वें मिनट में अब्दुल्लाह अलाहरक की फ्री किक पर यूसेफ आयमेन ने हेडर लगाने का प्रयास किया जिसे भारतीय कप्तान और गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू ने रोक दिया। गुरप्रीत हालांकि मैदान पर गिर गए और इस दौरान गेंद खेल के मैदान से बाहर चली गई।
हाशमी हुसैन किक मारकर गेंद को दोबारा खेल के मैदान में ले आए और आयमेन ने गोल कर दिया। गेंद के खेल के मैदान से बाहर जाने के कारण खेल रोका जाना चाहिए था और कतर को कॉर्नर किक मिलनी चाहिए थी क्योंकि गुरप्रीत गेंद के बाहर जाने से पहले उससे संपर्क करने वाले आखिरी खिलाड़ी थे।
भारतीय खिलाड़ी हालांकि उस समय हताश हो गए जब रैफरी ने कतर को गोल दे दिया और मेहमान टीम के कड़े विरोध के बावजूद मैदानी अधिकारी अपने फैसले पर बरकरार रहा। नियम के अनुसार अगर गेंद ‘गोल लाइन या टचलाइन’ से मैदान पर या हवा में पूरी तरह से बाहर निकल जाती है तो उसे खेल से बाहर माना जाएगा।
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