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तब विरोध क्यों कर रहे थे? ओलंपिक कोटा विजेताओं को ट्रायल से छूट के फैसले पर बजरंग पूनिया का तंज

Bajrang Punia: ओलंपिक कोटा विजेताओं को ट्रायल से छूट के फैसले पर बजरंग पूनिया ने हैरानी जताई है। उन्होंने एक्स पर इसको लेकर पोस्ट लिखी है। बजरंग पूनिया ने अपनी इस पोस्ट में तंज किया है।

Deepak लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 21 May 2024 10:07 PM
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Bajrang Punia: ओलंपिक कोटा विजेताओं को ट्रायल से छूट के फैसले पर बजरंग पूनिया ने हैरानी जताई है। उन्होंने एक्स पर इसको लेकर पोस्ट लिखी है। बजरंग पूनिया ने लिखा है कि नयी डब्लूएआई कमेटी इस बात से सहमत है कि ओलंपिक कोटा विजेताओं के ट्रायल आयोजित करने की पुरानी कमेटी की नीति गलत थी। पूनिया ने लिखा कि जब महिला पहलवान आंदोलन कर रही थीं तब क्या योगेश्वर दत्त जैसे लोग यह आरोप नहीं लगा रहे थे कि महिला पहलवान इसलिए विरोध कर रही हैं क्योंकि ये ट्रायल नहीं देना चाहतीं। अब ये भाईसाब कह रहे हैं कि ट्रायल न कराना ही सबसे अच्छा तरीक़ा है। बजरंग पूनिया ने आगे यह भी लिखा कि एशियन गेम्स के लिए जब मेरा नाम फेडरेशन ने डाला था तो योगेश्वर जी खुलकर मेरा विरोध कर रहे थे। अब संजय सिंह की फेडरेशन का हिस्सा बनते ही कह रहे हैं कि ट्रायल नहीं करवाए जाएंगे।

ट्रायल से मिली छूट
गौरतलब है कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने मंगलवार को ओलंपिक कोटा विजेता सभी छह पहलवानों को चयन ट्रायल से छूट दे दी। लेकिन उनके फॉर्म और फिटनेस का आकलन आगामी रैंकिंग सीरिज टूर्नामेंट और हंगरी में अभ्यास शिविर में होगा। डब्ल्यूएफआई ने कहा कि यह विशेष परिस्थितियों में लिया गया फैसला है और इसे भविष्य के लिये परिपाटी नहीं माना जाना चाहिए। डब्ल्यूएफआई ने यह भी कहा कि अगर किसी भी पहलवान की फिटनेस में कमी पाई गई तो महासंघ आठ जुलाई से पहले ट्रायल के जरिये विकल्प के बारे में सोचेगा। प्रविष्टियां भेजने की आखिरी तारीख आठ जुलाई है।

भारत के पास छह कोटा
भारत ने पेरिस ओलंपिक के लिये छह कोटा हासिल किये हैं जिनमें अमन सेहरावत (57 किलो) अकेले पुरूष पहलवान हैं। विनेश फोगाट (50 किलो), अंतिम पंघाल (53 किलो), अंशु मलिक (57 किलो), निशा दहिया (68 किलो) और रीतिका हुड्डा (76 किलो) ने भी क्वालीफाई किया है। पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई से ट्रायल नहीं कराने का अनुरोध किया था। उनका कहना था कि इससे चोट का खतरा हो सकता है। डब्ल्यूएफआई प्रमुख संजय सिंह की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने इसे स्वीकार कर लिया। संजय सिंह ने बैठक के बाद पीटीआई से कहाकि हमने इस मसले पर बात की और दोनों मुख्य कोचों का कहना था कि ट्रायल से चोट का खतरा होगा, जिससे भारत की पदक उम्मीदों पर विपरीत असर पड़ सकता है। इसी वजह से हमने ट्रायल नहीं कराने का फैसला लिया। कोटा विजेता बुडापेस्ट में छह से नौ जून तक यूडब्ल्यूडब्ल्यू रैंकिंग सीरिज में भाग लेंगे। इसके बाद 10 से 21 जून तक अभ्यास शिविर लगाया जायेगा।

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