पेरिस पैरालंपिक में मेडल जीतने वाले पैरा एथलीटों को महान सचिन तेंदुलकर ने दी बधाई, भारत को मिले चार पदक
- पेरिस पैरालंपिक में भारत ने शुक्रवार को चार पदक जीते। शूटिंग में तीन और ट्रैक स्पर्धा में पहला एथलेटिक्स पदक जीता। सचिन तेंदुलकर ने पैरा एथलीटों को पदक जीतने पर बधाई दी है। भारत के लिए अवनि लेखरा, मोना अग्रवाल, मनीष नरवाल और प्रीति पाल ने मेडल जीता।
भारत के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने पेरिस पैरालंपिक में पदक जीतने वाले पैरा एथलीटों को बधाई दी है। अवनि लेखरा पैरालंपिक खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई जिन्होंने टोक्यो के बाद पेरिस पैरालम्पिक में भी महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (एसएच 1) स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। मोना अग्रवाल ने इस स्पर्धा का कांस्य पदक जीतकर दिन को यादगार बना दिया। मनीष नरवाल पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल (एसएच 1) स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने से चूक गए लेकिन प्रीति पाल ने महिलाओं की टी35 वर्ग की 100 मीटर स्पर्धा में 14.21 सेकेंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय से कांस्य पदक जीतकर भारत को पैरालंपिक की ट्रैक स्पर्धा में पहला एथलेटिक्स पदक दिलाया।
सचिन तेंदुलकर ने एक्स पर लिखा, ''टोक्यो में गोल्ड, पेरिस में गोल्ड अवनि लेखरा 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग में लगातार पदक जीतना किसी असाधारण बात से कम नहीं है। तीन पैरालंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला के रूप में आपकी ऐतिहासिक उपलब्धि एक सच्चे चैंपियन के रूप में आपकी विरासत को और मजबूत करती है।
उन्होंने आगे कहा, 'मोना अग्रवाल को को उसी स्पर्धा में कांस्य के लिए बहुत-बहुत बधाई और मनीष नरवालको टोक्यो में स्वर्ण पदक जीतने के बाद पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग में सिल्वर हासिल करने के लिए बहुत-बहुत बधाई। हमारी उपलब्धियों की सूची में प्रीति पाल का नाम भी शामिल है, जिन्होंने 100 मीटर स्प्रिंट में कांस्य पदक जीता है। आपके सभी प्रदर्शनों ने भारत को कई स्पर्धाओं में गौरवान्वित किया है।''
तीन साल पहले टोक्यो में स्वर्ण जीतने वाली 22 वर्ष की अवनि ने 249.7 का स्कोर करके अपना ही 249.6 का पुराना रिकॉर्ड ध्वस्त किया। वहीं शॉटपुट, पावरलिफ्टिंग और व्हीलचेयर वॉलीबॉल के बाद दो साल पहले निशानेबाजी में पदार्पण करने वाली मोना ने 228.7 के स्कोर के साथ कांस्य पदक जीता। भारत के पैरालंपिक इतिहास में पहली बार दो निशानेबाजों ने एक ही स्पर्धा में पदक जीते हैं।
जयपुर की रहने वाली अवनि पैरालम्पिक से पहले स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थीं। उनकी पित्त की थैली की सर्जरी हुई जिसकी वजह से उन्हें डेढ महीने ब्रेक लेना पड़ा था। सर्जरी की वजह से उनका काफी वजन भी कम हुआ लेकिन तमाम कठिनाइयों का डटकर सामना करते हुए उन्होंने पेरिस में भारत का परचम लहराया।
टोक्यो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता मनीष नरवाल ने पेरिस पैरालंपिक में पुरूषों की 10 मीटर एयर पिस्टल (एसएच 1) स्पर्धा में रजत पदक जीता। बाईस वर्ष के नरवाल ने टोक्यो पैरालम्पिक में मिश्रित 50 मीटर पिस्टल एसएच 1 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। वह कुछ समय तक आगे चल रहे थे लेकिन कुछ खराब शॉट के कारण वह दक्षिण कोरिया के जो जियोंगडू से पिछड़ गए। भारत के निशानेबाज शिवा नरवाल के बड़े भाई मनीष ने 234.9 स्कोर किया जबकि जियोंगडू ने 237.4 स्कोर करके स्वर्ण पदक जीता। प्रीति पाल ने महिलाओं की टी35 वर्ग की 100 मीटर स्पर्धा में 14.21 सेकेंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय से कांस्य पदक जीतकर भारत को पैरालंपिक की ट्रैक स्पर्धा में पहला एथलेटिक्स पदक दिलाया। भारत ने 1984 चरण से एथलेटिक्स में जो भी पदक जीते हैं, वे सभी फील्ड स्पर्धा में मिले।
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