नोडिरबेक याकूबबोव ने मांगी भारत की बेटी से माफी, हाथ नहीं मिलाने पर बोले- इस्लाम में महिलाओं को छूना...
- नोडिरबेक याकूबबोव ने भारत की बेटी का अपमान किया है। हाथ नहीं मिलाने पर कहा है कि इस्लाम में महिलाओं को छूना हराम है। वह धार्मिक कारणों से किसी अन्य महिला को नहीं छूते हैं।
उज़्बेकिस्तान के ग्रैंडमास्टर नोडिरबेक याकूबबोव ने भारतीय बेटी का अपमान किया। भारत की बेटी और ग्रैंडमास्टर आर वैशाली के खिलाफ खेलने से पहले नोडिरबेक याकूबबोव ने उनसे हाथ मिलाने से इनकार कर दिया। बाद में जब उनकी आलोचना हुई तो इस पर उन्होंने धार्मिक कारणों का हवाला दिया, लेकिन टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट में इस मुद्दे से विवाद खड़ा हो गया है। हालांकि, अब उज्बेक ग्रैंडमास्टर ने माफी मांगी और कहा है कि उनका इरादा किसी का अपमान करना नहीं था।
चेसबेस इंडिया द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक वीडियो में, वैशाली को याकूबबोव के खिलाफ चौथे दौर की प्रतियोगिता की शुरुआत से पहले अपना हाथ बढ़ाते हुए देखा जा सकता है, जिन्होंने पहले तो हाथ का इशारा करते हुए वैशाली से हाथ मिलाने से इनकार किया और फिर वे मुकाबला खेलने के लिए बैठ गए, जिससे भारतीय खिलाड़ी ने थोड़ा सा असहज महसूस किया। 2019 में जीएम बने 23 वर्षीय याकूबबोव इस मैच में हार गए और वर्तमान में चैलेंजर्स सेक्शन में आठ राउंड के बाद तीन अंक पर हैं।
एक बार जब यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो याकूबबोव ने 'एक्स' पर एक लंबी प्रतिक्रिया पोस्ट की, जिसमें उन्होंने कहा कि, वे वैशाली और उनके छोटे भाई आर. प्रगनानंद का पूरा सम्मान करते हैं, लेकिन वे "धार्मिक कारणों से अन्य महिलाओं को नहीं छूते हैं।" उन्होंने लिखा, "मैं वैशाली के साथ खेल में हुई घटना के बारे में बताना चाहता हूं। महिलाओं और भारतीय शतरंज खिलाड़ियों के प्रति पूरे सम्मान के साथ, मैं सभी को बताना चाहता हूं कि मैं धार्मिक कारणों से अन्य महिलाओं को नहीं छूता।"
वैशाली ने भी उज्बेक खिलाड़ी को हराने के बाद अपना हाथ आगे नहीं बढ़ाया। आठ राउंड के बाद भारतीय खिलाड़ी के चार अंक हैं और पांच राउंड और बाकी हैं। याकूबबोव ने आगे लिखा, "मैं वैशाली और उसके भाई का भारत के सबसे मजबूत शतरंज खिलाड़ियों के रूप में सम्मान करता हूं। अगर मैंने अपने व्यवहार से उन्हें नाराज किया है, तो मैं माफी मांगता हूं। मेरे पास कुछ अतिरिक्त स्पष्टीकरण हैं- 1. शतरंज हराम नहीं है। मैं वही करता हूं, जो मुझे करना चाहिए। मैं दूसरों से विपरीत लिंग के लोगों से हाथ ना मिलाने या महिलाओं से हिजाब या बुर्का पहनने के लिए आग्रह नहीं करता। यह उनका काम है कि उनको क्या करना चाहिए।"
याकूब आगे लिखते हैं, "आज (रविवार) मैंने इरिना बुलमागा को इसके बारे में बताया। वह इसके लिए सहमत हो गईं, लेकिन जब मैं खेल हॉल में आया, तो निर्णायकों ने मुझसे कहा कि मुझे कम से कम नमस्ते तो करना चाहिए। दिव्या और वैशाली के साथ मुकाबले में, मैं उन्हें गेम से पहले इसके बारे में नहीं बता सका और एक अजीब स्थिति बन गई।"
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