Hindi Newsखेल न्यूज़अन्य खेलMein Accept karta hun Neeraj Chopra Reaction after Missing Gold Medal in Paris Olympics 2024 Makes This Big Prediction

मैं कबूल करता हूं कि...गोल्ड से चूकने पर नीरज चोपड़ा का छलका दर्द, पेरिस में राष्ट्रगान नहीं बजा तो की बड़ी भविष्यवाणी

  • Neeraj Chopra on Missing Gold Medal: नीरज चोपड़ पेरिस ओलंपिक 2024 में गोल्ड मेडल से चूक गए। उन्हों टोक्यो में गोल्ड जीतकर इतिहास रचा था। पेरिस में खिताब डिफेंड नहीं करने के बाद नीरज को दर्द छलका है। उन्होंने साथ ही एक बड़ी भविष्यवाणी की।

Md.Akram लाइव हिन्दुस्तानFri, 9 Aug 2024 07:54 AM
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भारत को पेरिस ओलंपिक 2024 में गोल्ड मेडल की किसी से सबसे ज्यादा उम्मीद थी तो वह नीरज चोपड़ा थे। हालांकि, स्टार जेवलिन थ्रोअर नीरज गोल्ड से चूक गए। उन्होंने 89.45 मीटर थ्रो के साथ सिल्वर हासिल किया। यह उनका सीजन बेस्ट थ्रो रहा। वहीं, पाकिस्तान के अरशद नदीम ने 92.97 मीटर का थ्रो लगाया और गोल्ड अपने नाम किया। यह नया ओलंपिक रिकॉर्ड है। नीरज ने इससे पहले दस मुकाबलों में हमेशा नदीम को हराया था। गोल्ड हाथ से फिसलने के बाद नीरज का दर्द छलका है। नीरज ने कहा कि आज उनका दिन नहीं था। उन्होंने साथ ही एक बड़ी भविष्यवाणी की। उन्होंने कहा कि भले ही मैं पेरिस में राष्ट्रगान नहीं बजवा पाया लेकिन कहीं और यह जरूर होगा। बता दें कि जिस देश का खिलाड़ी गोल्ड जीतता है, उसके यहां का राष्ट्रगान बजाया जाता है।

'जो कमियां हैं, उनको सुधारेंगे'

26 वर्षीय नीरज ने सिल्वर मिलने के बाद कहा, ''देश के लिए जब भी मेडल जीतते हैं तो उसकी खुशी होती है। अब गेम में इम्प्रूवमेंट का समय है। हम बैठेंगे, चर्चा करेंगे और सुधार करेंगे। जो कमियां हैं, उनको सुधारेंगे। अगर ओवरऑल देखें तो इंडिया की परफर्मेंस अच्छी रही है। टोक्यो के साथ गोल्ड, ब्रॉन्ज या सिल्वर की तुलना ना करें। जरूरी नहीं है कि हर बार हमारे मेडल बढ़ते जाएं। लेकिन आने वाले समय के लिए यह संकेत है कि हमारे मेडल और बढ़ेंगे।'' वहीं, नीरज से जब टोक्यो की तुलना में पेरिस के फाइनल में कड़ी टक्कर पर पूछा गया तो उन्होंने कहा, ''कंपटीशन बहुत अच्छा था। हर एथलीट का अपना दिन होता है। आज अरशद का दिन था। लेकिन टोक्यो, बुडापेस्ट या एशियन गेम्स की बात करें तो अपना दिन था।''

'मैं स्वीकार करता हूं कि…'

उन्होंने आगे कहा, ''मैंने अपना बेस्ट दिया लेकिन कुछ चीजों पर ध्यान देने और उनपर काम करने की जरूरत है। थोड़ा इंजरी ठीक करके उस दिशा में काम करना होगा। खेल के समय जो फोकस इंजरी की तरफ रहता है, वो परफॉर्मेंस की तरफ हो, यह देखने होगा। थ्रो तो है और अच्छा है। एक बार निकलेगी जब सब तरीके से फिट हो जाएंगे और मेंटली बिलकुल तैयार होंगे। सबकी उम्मीद थी कि हमारा हमारा राष्ट्रगान बजे। उसपर खरा भी उतरे हैं। लेकिन मैं यह बात स्वीकार करता हूं कि आज शायद अपना दिन नहीं था। हमेशा अच्छा रहा है पर आज राष्ट्रगान नहीं बजवा पाया। भले ही पेरिस में राष्ट्रगान नहीं बजा मगर आगे फिर मौका मिलेगा और कहीं और ऐसा होगा।''

नीरज का पेरिस में दूसरा थ्रो (89.45) ही एकमात्र वैध थ्रो रहा। उनके पांच प्रयास फाउल रहे। लेकिन नीरज ने सिल्वर हासिल करने के बाद भी एक बड़ा कारनामा अंजाम दिया है। वह लगातार दो ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय ट्रैक एंड फील्ड खिलाड़ी बन गए हैं। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में 87.58 मीटर के थ्रो के साथ गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया था।

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