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Hindi Newsखेल न्यूज़अन्य खेलIs Pramod Bhagat suspension a big setback will it affect India target at Paris Paralympics PCI Chief Jhajharia Reaction

प्रमोद भगत का पैरालंपिक से बाहर होना कितना बड़ा झटका, क्या भारत के इस टारगेट पर पड़ेगा असर? जानिए PCI चीफ के दिल की बात

  • प्रमोद भगत का पेरिस पैरालंपिक 2024 से बाहर भारत के लिए कितना बड़ा झटका है? क्या भारत के 25 मेडल के टारगेट पर कोई असर पड़ेगा? भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) के अध्यक्ष देवेंद्र झाझड़िया ने पैरालंपिक शुरू होने से पहले अपने दिल की बात बताई है।

Md.Akram भाषाSat, 17 Aug 2024 07:33 AM
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भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) के अध्यक्ष देवेंद्र झाझड़िया ने कहा कि डोपिंग नियमों के उल्लंघन के कारण पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत का भारतीय दल से बाहर होना निराशाजनक है लेकिन इससे 28 अगस्त से शुरू होने वाले पैरालंपिक खेलों के लिए उनके 25 पदकों के लक्ष्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा। पेरिस पैरालंपिक का आयोजन 28 अगस्त से आठ सितंबर तक होगा। इसमें भारत के 84 खिलाड़ी 12 खेलों में पदक के लिए जोर लगायेंगे। टोक्यो खेलों के स्वर्ण पदक विजेता (पुरुष एकल एलएल तीन वर्ग) पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत को बीडब्ल्यूएफ के डोपिंग निरोधक ‘वेयरअबारट’ (ठिकाने का पता) नियम के उल्लंघन के कारण 18 महीने के लिये निलंबित कर दिया है।

पेरिस पैरालंपिक के लिए भारतीय दल के विदाई समारोह के इतर झाझड़िया ने भाषा को दिये इंटरव्यू में प्रमोद के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इस तरह के मामले से निपटने की पूरी जिम्मेदारी खुद खिलाड़ी की होती है। उन्होंने कहा, ''देखिए, इस में कोई शक नहीं की प्रमोद भगत हमारे स्टार एथलीट और तोक्यो पैरालंपिक में स्वर्ण पदक विजेता हैं लेकिन मैंने 25 पदक का जो लक्ष्य बनाया है वह हमारे मौजूदा 84 खिलाड़ियों के दल से है। इसमें प्रमोद भगत शामिल नहीं है।’’ बीडब्ल्यूएफ ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा था ,‘‘ बैडमिंटन विश्व महासंघ इसकी पुष्टि करता है कि भारत के तोक्यो 2020 पैरालम्पिक चैम्पियन प्रमोद भगत को 18 महीने के लिये निलंबित किया गया है और वह पेरिस पैरालम्पिक नहीं खेलेंगे।''

इसमें कहा गया, ''एक मार्च 2024 को खेल पंचाट (सीएएस) डोपिंग निरोधक प्रभाग ने भगत को बीडब्ल्यूएफ के डोपिंग निरोधक नियम के उल्लंघन का दोषी पाया। वह एक साल में तीन बार अपना ठिकाना बताने में नाकाम रहे थे।'' छत्तीस वर्ष के एसएल3 खिलाड़ी भगत ने सीएएस (खेल पंचाट) के अपील विभाग में इस फैसले को चुनौती दी थी जो पिछले महीने खारिज हो गई। झाझड़िया ने कहा, ''प्रमोद की देश के लिए उपलब्धि काफी बड़ी है लेकिन खेल के जो नियम-कानून है उन्हें खिलाड़ी को किसी भी हालत में पूरा करना होता है। उनकी तरफ से कही ना कही कमी रही है।''

पैरालंपिक खेलों में दो स्वर्ण और एक रजत पदक जीतने वाले झाझड़िया ने कहा, ''प्रमोद का भारतीय दल में नहीं होना एक झटका है, क्योकि उन्होंने देश को पैरालंपिक का शीर्ष पदक दिलाया था।’’ ‘अबकी बार 25 पार’ लक्ष्य के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ''मैंने यह लक्ष्य कुछ परख कर बताया है। कई लोगों के दिमाग में यह है कि मैं बढ़ा-चढ़ा कर बोल रहा हूं। लेकिन मैंने खिलाड़ियों के अभ्यास को देखा है, हमने उनकी शारीरिक फिटनेस और मानसिक मजबूती पर काफी मेहनत की है।’’ इस पूर्व भाला फेंक खिलाड़ी ने बताया कि इस बार हमारे खिलाड़ियों की संख्या पिछले आयोजन से काफी अधिक है और वे पहले की तुलना में अधिक खेलों में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।

भारत टोक्यो पैरालंपिक में पांच स्वर्ण सहित 19 पदक के साथ तालिका में 24वें स्थान पर था। उन्होंने कहा, ''मैंने 25 पदक और पदक तालिका में शीर्ष 20 में आने का लक्ष्य रखा है लेकिन हम इससे अधिक पदक जीतेंगे। तोक्यो पैरालंपिक में हमारे 56 खिलाड़ी थे, इस बार 84 खिलाड़ी प्रतिस्पर्धा करेंगे। हमरे खिलाड़ी पहली बार ब्लाइंड (दृष्टिबाधित) जूडो, पैरा नौकायन और पैरा साइकिलिंग में चुनौती पेश करेंगे।'' झाझड़िया को पैरालंपिक खेलों एथलेटिक्स दल से सबसे ज्यादा पदक की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ''हमारा हर खिलाड़ी पदक जीतने का दावेदार है, हमारा सबसे बड़ा दल एथलेटिक्स में है और मुझे सबसे ज्यादा पदक की उम्मीद इसी से है। भारतीय दल में 47 खिलाड़ी पहली बार पैरालंपिक में खेलेंगे और ये खिलाड़ी शारीरिक और मानसिक तौर पर काफी मजबूत है।''

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