470 करोड़ हुए खर्च...100 से ज्यादा भारतीय एथलीट का दमखम, पेरिस में नहीं मिली टोक्यो बराबर खुशी; इस 'सिक्स' का गम अलग
- पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय एथलीट्स का प्रदर्शन अब तक उम्मीदों के विपरीत रहा है। टोक्यो में भारत ने सात मेडल जीतकर इतिहास रचा था लेकिन पेरिस में फिलहाल पांच मेडल ही आ पाए हैं। भारत सरकार ने पेरिस ओलंपिक की तैयारियों के लिए 470 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं।
पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय एथलीट्स का प्रदर्शन अब तक उम्मीदों के विपरीत रहा है। भारत के खाते में फिलहाल पांच मेडल (चार ब्रॉन्ज, एक सिल्वर) हैं, जो टोक्यो ओलंपिक से कम हैं। भारत ने टोक्यो में 7 मेडल जीतकर इतिहास रचा था, जो उसका सर्वश्रेष्ठ ओलंपिक प्रदर्शन था। हालांकि, भारतीय खिलाड़ी पेरिस में टोक्यो का रिकॉर्ड तोड़ते हुए नजर नहीं आ रहे हैं। बता दें कि भारत सरकार ने पेरिस ओलंपिक की तैयारियों के लिए अपने एथलीट्स पर 470 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं। भारत ने पेरिस में 16 खेलों में हिस्सा लेने के लिए 117 सदस्यीय दल भेजा।
इन्हें अभी तक पेरिस में मिला मेडल
भारत ने पेरिस में पांच में से तीन मेडल निशानेबाजी में हासिल किए हैं। स्टार शूटर मनु भाकर ने दो ब्रॉन्ज अपने नाम किए। उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट के अलावा सरबजोत सिंह के साथ 10 मीटर मिक्स्ड टीम एयर पिस्टल इवेंट में कांस्य जीता। मनु आजादी के बाद एक ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाली पहली भारतीय हैं। निशानेबाज स्वप्निल कुसाले ने 50 मीटर राइफल 3पोजीशन में कांस्य पदक अपने नाम किया। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने स्पेन को हराकर ब्रॉन्ज पर कब्जा जमाया। जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने पुरुष भाला फेंक स्पर्धा में सिल्वर हासिल किया।
किस खेल पर सबसे ज्याद खर्च हुए?
एथलेटिक्स पर सबसे ज्यादा 96.08 करोड़ रुपये किए गए। हालांकि, भारत को एथलेटिक्स में अभी तक नीरज के अलावा कोई मेडल नहीं दिला सका है। भारत ने पेरिस में 29 सदस्यीय ट्रैक एंड फील्ड स्क्वॉड भेजा। एथलेटिक्स के बाद सर्वाधिक फंडिंग बैडमिंटन (72.03 करोड़) को मिली। स्टार शटर शटलर पीवी सिंधू और लक्ष्य सेन मेडल नहीं जीत पाए। बॉक्सिंग में 60.93 करोड़ खर्च किए गए लेकिन सफलता नहीं मिली। लगातार दो विश्व चैंपियनशिप खिताब जीतने वाली निकत जरीन मेडल नहीं दिला सकीं। शूटिंग को 60.42 और हॉकी को 41.3 करोड़ रुपये की फंडिंग दी गई।
तीरंदाजी में 39.18 और कुश्ती में 37.80 करोड़ खर्च हुए। दोनों का 6-6 खिलाड़ियों का स्क्वॉड था लेकिन मेडल नसीब नहीं हुआ। तीरंदाज दीपका कुमारी चौथे ओलंपिक में खाली हाथ लौटीं। वहीं, पहलवान विनेश फोगाट का डिस्क्वॉलिफाई होने के कारण मेडल का सपना टूटा गया। उन्होंने कम से कम सिल्वर पक्का कर लिया था। विनेश ने रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया है। वेटलिफ्टिंग (27 करोड़), टेबल टेनिस (12.92 करोड़), जूडो (6.33 करोड़), रोइंग (3.89 रोइंग), स्विमिंग (3.8 करोड़), सेलिंग (3.8 करोड़), गोल्फ (1.74 करोड़), टेनिस (1.64 करोड़) और घुड़सवारी (0.95) में भी मेडल नहीं मिला है।
भारत को इस 'सिक्स' का गम अलग
पेरिल ओलंपिक में अब तक छह इवेंट ऐसे रहे, जिनमें भारतीय खिलाड़ी मेडल की दहलीज पर पहुंचकर खाली हाथ लौटे। निशानेबाज अर्जुन बाबुता पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग में चौथे स्थान पर रहे। तीरंदाज धीरज बोम्मदेवरा और अंकिता भक्त ने मिक्स्ड टीम इवेंट में चौथे पर फिनिश किया। मनु भाकर ने भले ही दो ब्रॉन्ज जीते लेकिन वह 25 मीटर महिला पिस्टल में चूक गईं। निशानेबाज माहेश्वरी चौहान और अनंतजीत सिंह नरुका स्कीट मिक्स्ड टीम इवेंट, स्टार बैडमिंटन प्लेयर लक्ष्य सेन ब्रॉन्ज मेडल मैच में हार गए। वेटलिफ्टर मीराबाई चानू भी चौथे स्थान पर रहीं।
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