खाली पेट गुड़गुड़… ओलंपिक मेडल जीत शूटर स्वप्निल कुसाले ने क्या कुछ कहा
स्वप्निल कुसाले ने भारत को ओलंपिक में तीसरा मेडल दिलाया। तीसरा मेडल भी भारत को शूटिंग में ही मिला है। स्वप्निल ने मेंस 50 मीटर राइफल 3 पोजिशन्स इवेंट में ब्रोन्ज मेडल जीता है। स्वप्निल बिना खाए ही इवेंट में पहुंच गए थे।
तेज होती दिल की धड़कनों को थामकर खाली पेट रेंज पर उतरे भारतीय शूटर स्वप्निल कुसाले ने फोकस बनाए रखते हुए शानदार वापसी की और देश को ओलंपिक में मेंस की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशंस में पहली बार ब्रोन्ज मेडल दिलाया। स्वप्निल ने बताया कि वो सिर्फ एक ब्लैक टी पीकर ही इवेंट में हिस्सा लेने गए थे और मेडल जीतने के बाद उनके पेट में गुड़गुड़ होने लगी।क्वॉलीफिकेशन में सातवें नंबर पर रहे स्वप्निल ने आठ निशानेबाजों के फाइनल में 451 . 4 स्कोर करके तीसरा स्थान हासिल किया। एक समय वह छठे स्थान पर थे जिसके बाद उन्होंने तीसरा स्थान हासिल किया।
भारत का पेरिस ओलंपिक में यह तीसरा ब्रोन्ज मेडल है। इससे पहले मनु भाकर ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल और सरबजोत सिंह के साथ 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में ब्रोन्ज जीता था। भारत के ओलंपिक इतिहास में पहली बार निशानेबाजों ने तीन मेडल एक ही खेलों में जीते हैं। कुसाले ने मेडल जीतने के बाद कहा, 'मैंने कुछ खाया नहीं है और पेट में गुड़गुड़ हो रही थी। मैंने ब्लैक टी पी और यहां आ गया। हर मैच से पहले रात को मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं।'
‘सांस पर किसी तरह किया कंट्रोल’
उन्होंने कहा, ‘आज दिल बहुत तेजी से धड़क रहा था। मैंने सांस पर कंट्रोल रखा और कुछ अलग करने की कोशिश नहीं की। इस लेवल पर सभी खिलाड़ी एक जैसे होते हैं।’ चीन के लियू युकुन (463 .6) ने गोल्ड और यूक्रेन के सेरही कुलिश (461.3) ने सिल्वर मेडल जीता। पिछली बार भारतीय निशानेबाज लंदन ओलंपिक 50 मीटर राइफल में फाइनल में पहुंचा था जब जॉयदीप करमाकर 50 मीटर राइफल प्रोन में चौथे स्थान पर रहे थे। अब यह इवेंट ओलंपिक में नहीं है।
कुसाले ने कहा, ‘मैंने स्कोरबोर्ड देखा ही नहीं। यह मेरी सालों की मेहनत थी और मैं बस यही सोच रहा था। मैं चाहता था कि भारतीय समर्थक मेरी हौसलाअफजाई करते रहें।’ अपने आदर्श क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी की तरह रेलवे में टीसी कुसाले पहली स्टैंडिंग सीरिज के बाद चौथे स्थान पर थे। नीलिंग में उनका पहला शॉट 9.6 रहा लेकिन उन्होंने शानदार वापसी की।
कुसाले ने की दमदार वापसी
इसके बाद 10.6 और 10.3 स्कोर करके वह दूसरे नंबर पर पहुंचे लेकिन अगले दो शॉट 9.1 और 10.1 रहे जिससे वह चौथे स्थान पर आ गए। फिर 10.3 स्कोर करके वह तीसरे स्थान पर पहुंचे और अंत तक बने रहे। वह नीलिंग पोजिशन के बाद छठे स्थान पर थे लेकिन प्रोन के बाद पांचवें स्थान पर आ गए। उन्होंने कहा, ‘मैं रेलवे के काम के लिए नहीं जाता हूं। भारतीय रेलवे ने मुझे 365 दिन की छुट्टी दे रखी है ताकि मैं देश के लिये अच्छा खेल सकूं। मेरी निजी कोच दीपाली देशपांडे मेरी मां जैसी हैं जिन्होंने बिना शर्त के मेरी मदद की। मैंने अभी तक अपनी मां से भी बात नहीं की है।’
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