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Hindi Newsखेल न्यूज़Neeraj Chopra opens up cricket popularity in india say Never tried to compare myself with Virat Kohli or MS Dhoni

क्रिकेट की लोकप्रियता को लेकर नीरज ने रखा अपना पक्ष, कहा- मैंने कोहली और धोनी से खुद की तुलना करने की कोशिश कभी नहीं की

  • नीरज चोपड़ा का मानना है कि क्रिकेटर को हमेशा किसी अन्य खेल खेलने वाले एथलीट की तुलना में अधिक लोकप्रियता मिलती है। नीरज ने कहा कि उन्होंने कभी भी कोहली या धोनी से अपनी तुलना करने की कोशिश नहीं की।

Himanshu Singh लाइव हिन्दुस्तानSun, 21 July 2024 02:09 AM
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भारत के स्टार भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने कहा है कि वह अपनी लोकप्रियता की तुलना क्रिकेटरों से नहीं करना चाहते, क्योंकि वह जानते हैं कि भारत में क्रिकेट का क्या महत्व है। खेल जगत के कई एथलीटों का मानना है कि क्रिकेट की लोकप्रियता भारत में अन्य खेलों पर हावी हो जाती है। कुछ खिलाड़ियों ने इसको लेकर चिंता भी जाहिर की है। हाल ही में भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल ने भी इस मामले पर अपना पक्ष रखा था, जिस पर काफी विवाद भी हुआ है। हालांकि नीरज चोपड़ा की इस मामले को लेकर सोच अलग है।

ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता ने हाल ही में इस मामले पर अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि कोई भी खिलाड़ी किसी खेल को अपनाने से पहले लोकप्रियता, धन या अन्य कारकों के बारे में नहीं सोचता है। नीरज चोपड़ा ने स्पोर्टस्टार से कहा, ''जब मैं बड़ा हो रहा था, तो मुझे हमेशा यह पता था कि क्रिकेट एक अलग ही स्तर पर है। क्रिकेटर को हमेशा किसी अन्य खेल खेलने वाले एथलीट की तुलना में अधिक लोकप्रियता मिलती है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि क्रिकेट के अलावा मेरे पास कोई विकल्प नहीं है। मैं हमेशा से ही भाला फेंकना चाहता था, क्योंकि यह मेरा पसंदीदा खेल था। मुझे इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि मैं ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीत लूंगा। मैंने इस खेल को चुना क्योंकि मुझे यह पसंद था।''

उन्होंने आगे कहा, ''मैंने विराट कोहली और एमएस धोनी से खुद की तुलना करने की कोशिश कभी नहीं की। क्योंकि मैं भारत में अपनी वास्तविकता से अच्छी तरह वाकिफ हूं। हां, जाहिर है, ओलंपिक के बाद लोग मुझे और अधिक पहचानने लगे हैं। लेकिन मैं जानता हूं कि एक क्रिकेटर की तुलना में मेरी लोकप्रियता में बहुत अंतर है। देश के हर गली-मोहल्ले में क्रिकेट खेला जाता है।''

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इससे पहले सायना नेहवाल ने निखिल विजयेन्द्र सिम्हा के पॉडकास्ट में कहा था, 'आज हर लड़की इंडिया में बैडमिंटन खेलना चाहती है, आज भारत में देख रहे हैं कि सायना नेहवाल क्या कर रही है, मीराबाई चानू क्या कर रही है, विनेश फोगाट क्या कर रही है, हर एक खेल में... नीरज चोपड़ा क्या कर रहे हैं, लोग जानते हैं। सब जानते हैं इन सभी खिलाड़ियों को... क्यों? क्योंकि हमने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है, और हम लगातार अखबारों में रहे हैं। यही वजह है कि लोग हमें जानते हैं।

उन्होंने आगे कहा था, ‘’मुझे कभी-कभी ये सपने जैसा लगता है। क्योंकि हमने इंडिया में ऐसा कर दिया, क्योंकि यहां कल्चर ऐसा नहीं है स्पोर्ट्स का, कई बार हमें बहुत बुरा लगता है कि क्रिकेट को सारी अटेंशन मिलती है। एक चीज है क्रिकेट के बारे में, अगर आप बैडमिंटन, बास्केटबॉल, टेनिस और हां बाकी खेलों को देखेंगे, तो ये सभी खेल फिजिकली काफी ज्यादा मुश्किल हैं। आपके पास इतना समय ही नहीं होता है कि आप शटल उठाए हैं और सर्व करें, आप इतने तेज हांफ रहे होते हैं... यहां सारी अटेंशन क्रिकेट को मिलती है। मुझे लगता है निजी तौर पर कहूं तो स्किल्स ज्यादा जरूरी है।''

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