भारत में फुटबॉल को कैसे मिल सकती है गति, जर्मनी के दिग्गज ओलिवर कान ने बताया प्लान
- जर्मनी के दिग्गज ओलिवर कान ने बताया है कि भारत में कैसे फुटबॉल के खेल को गति मिल सकती है। उनका कहना है कि यहां के युवा खिलाड़ियों को आगे आना है और इसके लिए फेडरेशन को प्लान बनाना होगा।

जर्मनी के दिग्गज फुटबॉलर ओलिवर कान ने शुक्रवार को कहा कि लियोनेल मेसी या क्रिस्टियानो रोनाल्डो जैसे खिलाड़ियों को अपना आदर्श मानने से अधिक भारतीय युवाओं को देश की फुटबॉल को आगे बढ़ाने के लिए ढांचागत प्रणाली की जरूरत है। कान ने मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ''जब मैं भारत आया तो मुझे ऐसा महसूस हुआ कि लोग फुटबॉल को चाहते हैं। उनका इससे भावनात्मक लगाव है और यह आगे बढ़ने के लिए उनके लिए बड़ी प्रेरणा का काम भी करता है।''
उन्होंने आगे कहा, ''युवाओं का विकास बेहद महत्वपूर्ण है और इसके लिए उचित ढांचा होना जरूरी है, ताकि आपको पता रहे कि आपको छह-सात साल की उम्र में कब शुरुआत करनी है तथा किसी पेशेवर क्लब से जुड़ने के लिए मुझे क्या करना है।'' कान ने ये भी कहा कि किसी खिलाड़ी को अपना आदर्श मानना गलत नहीं है, लेकिन आखिर में भारतीय फुटबॉल को स्थानीय प्रतिभा ही आगे बढ़ा सकती है।
जर्मनी के दिग्गज बोले, ''जब मैं एक युवा फुटबॉल खिलाड़ी था तो मेरे भी कुछ आदर्श खिलाड़ी हुआ करते थे जो मेरे लिए मार्गदर्शक का काम करते थे। रोनाल्डो और मेसी या जियानलुइगी बफन जैसे खिलाड़ी वास्तविक रोल मॉडल हैं। यह महत्वपूर्ण है, लेकिन आप अपने खुद के भारतीय खिलाड़ी और भारतीय रोल मॉडल क्यों तैयार नहीं करते।'' महान गोलकीपर ने भारत में अपना आखिरी पेशेवर खेल 2008 में मोहन बागान के खिलाफ बायर्न म्यूनिख के लिए कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम में खेला था। उन्होंने अपने आखिरी मैच को भी याद किया।
उन्होंने कहा, "इतने सारे भारतीय लोगों और प्रशंसकों को देखना मेरे लिए एक शानदार क्षण था, (लेकिन) यह (भी) मेरे लिए एक आसान क्षण नहीं था, क्योंकि मैं थोड़ा दुखी था - यह 20 साल, दो दशकों के बाद मेरा आखिरी गेम था। एक गोलकीपर के तौर पर। हर बार जब मैं स्क्रीन पर तस्वीरें देखता हूं, तो यह मेरे लिए भी बहुत खास पल होता है, क्योंकि यह मुझे मेरी जवानी की याद दिलाता है।"
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