Hindi Newsखेल न्यूज़हॉकीPR Sreejesh The Wall of Indian hockey foiled 28 attacks in a match Shines not only in Paris Olympics but also in Tokyo

पीआर श्रीजेश: भारतीय हॉकी का 'द वॉल', ये डिफेंड कर देंगे हैरान; पेरिस ओलंपिक से लेकर टोक्यो तक किया काम तमाम

  • ‘The Wall’ PR Sreejesh: भारतीय हॉकी टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने पेरिस ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल में गर्दा उड़ा दिया। श्रीजेश ने भारत को सेमीफाइनल में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। श्रीजेश अपना आखिरी टूर्नामेंट खेल रहे हैं।

Md.Akram लाइव हिन्दुस्तानSun, 4 Aug 2024 06:42 PM
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भारतीय हॉकी टीम ने रविवार को पेरिस ओलंपिक 2024 में सेमीफाइनल में धमाकेदार एंट्री की। भारत ने रोमांचक क्वार्टर फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन को पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से मात दी। भारत की जीत के हीरो अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश रहे। उन्होंने सिर्फ फुलटाइम तक बल्कि शूटआउट में भी गर्दा उड़ाया। 36 वर्षीय श्रीजेश ब्रिटेन के सामने दीवार बन गए। ब्रिटेन ने 28 बार भारतीय गोल पर हमला बोला और भारतीय हॉकी के 'द वॉल' श्रीजेश ने 27 बार उसे नाकाम कर दिया। निर्धारित समय तक स्कोर 1-1 से बराबर रहने पर मुकाबला शूटआउट में गया। कोनोर विलियमसन का निशाना चूका और श्रीजेश ने फिलिप रोपर को गोल नहीं करने दिया।

वहीं, शूटआउट में भारत के लिए कप्तान हरमनप्रीत सिंह, सुखजीत सिंह, ललित उपाध्याय और राजकुमार पाल ने गोल दागे जबकि इंग्लैंड के जेम्स अलबेरी और जाक वालांस ने गोल किए। भारत की रोमांचक जीत के साथ श्रीजेश की खूब वाहवाही हो रही है। उनके क्वार्टर फाइनल में रोके गए गोल देखकर हर कोई हैरान है। श्रीजेश ने पेरिस ही नहीं साल 2021 में टोक्यो ओलंपिक में भी विरोधी टीम का काम तमाम किया था। वह तब जर्मनी के खिलाफ ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में भारत की दीवार साबित हुए थे। उन्होंने कई बेतरीन शॉट्स रोककर भारत को ब्रॉन्ज जिताने में अहम भूमिका निभाई थी और भारत ने 41 साल का मेडल का सूखा समाप्त किया था। श्रीजेश अपना आखिरी टूर्नामेंट खेल रहे हैं।

 

श्रीजेश जब ब्रिटेन के खिलाफ क्वार्टर फाइनल खेलने उतरे तो उनके मन में चल रहा था कि या तो यह आखिरी मैच होगा या और मुकाबले खेलने के मिलेंगे। श्रीजेश ने मैच के बाद कहा, ''एक गोलकीपर का यह रोज का काम है। कई बार अलग हालात होते हैं लेकिन आज हमारा दिन था। शूटआउट में भी हमारे सभी निशाने सटीक लगे। हमारे खिलाड़ियों ने गोल किए और मेरा आत्मविश्वास बढ़ा।'' उन्होंने कहा, ''जब मैं मैदान पर आया तो मेरे सामने दो ही विकल्प थे। यह मेरा आखिरी मैच होता या मुझे दो मैच और खेलने का मौका मिलता। आखिरकार अब मुझे दो मैच और मिलेंगे।'' उनहोंने कहा, ''सेमीफाइनल में सामने कोई भी हो, हम अपना स्वाभाविक खेल दिखाएंगे। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि हम आज एक खिलाड़ी के बिना खेले थे।''

भारत को ब्रिटेन के सामने पहले क्वार्टर में झटका लगा था। अनुभवी डिफेंडर अमित रोहिदास को रेड कार्ड मिलने के कारण बाहर बैठना पड़ा। ऐसे में भारतीय टीम की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही थीं। हालांकि, भारत ने 42 मिनट तक दस खिलाड़ियों के साथ खेलने के बावजूद सेमीफाइनल में प्रवेश किया। श्रीजेश की अगुवाई में श्रीजेश ने भारतीय डिफेंस ने ब्रिटेन के हर हमले का बखूबी बचाव किया और बढ़त नहीं बनाने दी। दिलचस्प बात यह है कि भारत ने पेरिस में टोक्यो ओलंपिक का इतिहास दोहराया। भारत ने टोक्यो में भी क्वार्टर फाइनल में ब्रिटेन को हराया था। भारत अब पेरिस में अपने मेडल का कलर बदलना चाहेगा।

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