पेरिस में कांस्य और चीन में गोल्ड मेडल पर लिखा भारत का नाम, फिर से एशियाई बादशाह बने भारतीय सूरमा
- पेरिस में ओलंपिक खेलों में कांस्य जीतने वाली भारतीय टीम ने चीन में खेली गई एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में गोल्ड मेडल पर अपना नाम लिखाया है। एक बार फिर से भारतीय टीम हॉकी में एशियाई बादशाह बनी है।
एशियन चैंपियंस ट्रॉफी 2024 टूर्नामेंट में टीम इंडिया अजेय रही। पेरिस में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम ने मंगलवार को मेजबान चीन को कड़े मुकाबले में 1-0 से हराकर पांचवीं बार एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता। पहले तीन क्वॉर्टर तक दोनों टीमें खाता खोलने के लिए लड़ती रहीं, लेकिन चौथे क्वॉर्टर में भारत का खाता डिफेंडर जुगराज सिंह ने खोला। उन्होंने करिश्माई फील्ड गोल करके टीम को 1-0 की बढ़त दिलाई, जो जीत की स्कोरलाइन भी रही। इस तरह एक बार फिर से भारतीय टीम एशियाई बादशाह बन गई है।
हरमनप्रीत सिंह की टीम के लिए यह मुकाबला कतई आसान नहीं था। पहले तीन क्वॉर्टर में चीनी डिफेंडरों ने भारत को गोल करने का कोई मौका नहीं दिया। पेरिस ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता भारतीय टीम के लिए 51वें मिनट में जुगराज ने गोल किया। चीन महज दूसरी बार ही किसी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट का फाइनल खेल रहा था। इससे पहले चीन ने एशियाई खेल 2006 फाइनल खेला था, जिसमें उसने कोरिया को 3-1 से हराया था। मंगलवार को ही पाकिस्तान ने कोरिया को 5-2 से हराकर छह टीमों के टूर्नामेंट में तीसरे स्थान पर रहकर कांस्य पदक जीता।
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खिताब के प्रबल दावेदार के रूप में उतरी भारतीय टीम ने पहले लीग मैच में चीन को 3-0 से हराया था, लेकिन फाइनल मुकाबला काफी कठिन रहा। पहले दो क्वॉर्टर में भारत ने गोल करने के कई मौके बनाए, लेकिन चीन भी जवाबी हमले में पीछे नहीं था। राजकुमार पाल ने पहला हमला बोला, जिसे चीन के गोलकीपर वांग वेइहाओ ने बचा लिया। राजकुमार ने दसवें मिनट में भारत को पहला पेनल्टी कॉर्नर दिलाया, लेकिन हरमनप्रीत सिंह गोल नहीं कर सके। दो मिनट बाद नीलाकांता शर्मा का शॉट वांग ने बचाया और अगले मिनट सुखजीत सिंह को गोल नहीं करने दिया।
पहले क्वॉर्टर से कुछ सेकंड पहले भारत ने पेनल्टी कॉर्नर गंवाया, लेकिन कृष्ण बहादुर पाठक गोल पोस्ट के सामने मुस्तैद थे। दूसरे क्वॉर्टर में भी कहानी यही रही जब गेंद पर नियंत्रण में भारत ने बाजी मारी, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। भारत को 27वें मिनट में सुखजीत ने पेनल्टी कॉर्नर दिलाया, लेकिन हरमनप्रीत का शॉट गोलपोस्ट से टकरा गया। दूसरे हाफ में चीनी फॉरवर्ड पंक्ति ने लगातार हमले बोले और 38वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर बनाया लेकिन भारतीय डिफेंस चौकस था। चीन को 40वें मिनट में लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर मिले, जिन पर भारतीय गोलकीपर पाठक ने गोल नहीं होने दिया।
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