विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल दो, समर्थन में उतरा अमेरिका का वर्ल्ड चैंपियन; ओलंपिक को दिखाया आईना
- अमेरिकी पेशेवर पहलवान जॉर्डन बरोज ने एक्स पर IOC (अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति) को कुछ सुझाव भी दिए। उन्होंने लिखा कि शायद इस तरह की कहानियां IOC को नींद से जगा दें।
Vinesh Phogat Latest Updates: पेरिस ओलंपिक 2024 से विनेश फोगाट के अयोग्य घोषित होने से पूरी दुनिया स्तब्ध रह गई। जहां पूरा भारत विनेश के साथ खड़ा है तो वहीं अमेरिका के एक वर्ल्ड चैंपियन ने भी उनका खुला समर्थन किया है। दरअसल पेरिस ओलंपिक में देश को स्वर्ण दिलाने से एक जीत की दूरी पर खड़ीं विनेश फोगाट 50 किलोवर्ग के फाइनल में वजन के लिए खड़ी हुईं तो उनका वजन 100 ग्राम ज्यादा निकला। इससे वह अपने कैरियर के सबसे बड़े दिन अयोग्य करार होकर ओलंपिक से बाहर हो गईं। इस पूरे विवाद पर कुश्ती के वर्ल्ड चैंपियन जॉर्डन बरोज ने प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय महिला पहलवान के लिए रजत पदक देने की अपील की।
अमेरिकी पेशेवर पहलवान जॉर्डन बरोज ने एक्स पर IOC (अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति) को कुछ सुझाव भी दिए। उन्होंने लिखा, "शायद इस तरह की कहानियां IOC को नींद से जगा दें। कुश्ती को छह से ज्यादा भार वर्गों की जरूरत है! विश्व स्तरीय प्रतिद्वंद्वियों के साथ तीन कठिन मुकाबलों के बाद, किसी भी एथलीट को इस तरह से स्वर्ण पदक की तैयारी में रात नहीं बितानी चाहिए। आज के फाइनल के लिए क्वालीफाई करने के वास्ते विनेश का वजन कम कराने के लिए भारतीय टीम पूरी कोशिश की। वे हताश दिख रहे हैं।"
इसके अलावा, 2012 ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता पहलवान ने सुझाव दिया कि यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) अपने नियमों में संशोधन करके दूसरे दिन 1 किलोग्राम वजन (ज्यादा) की अनुमति दे। इसके अलावा, उन्होंने वजन तौलने के समय में भी छूट देने का सुझाव दिया।
बरोज ने दिए तत्काल नियम परिवर्तन के सुझाव:
1.) दूसरे दिन 1 किलोग्राम (ज्यादा) वजन तक की इजाजत दी जाए।
2.) वजन चेक करने का समय सुबह 8:30 बजे से बढ़ाकर 10:30 बजे किया जाए।
3.) भविष्य के फाइनल में अगर कोई पहलवान अपना वजन इन नियमों के मुताबिक पूरा करने से चूक जाता है तो उसे हारा हुआ माना जाए।
4.) सेमीफाइनल में जीत के बाद, दोनों फाइनलिस्ट के मेडल सुरक्षित होने चाहिए। भले ही दूसरे दिन उसका वजन ज्यादा ही क्यों न पाया जाए। स्वर्ण पदक केवल उसी पहलवान को मिले जो फाइनल में अपना वजन नियम के मुताबिक रखे।
5.) विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल दिया जाना चाहिए।
विनेश फोगट का समर्थन करने के लिए जॉर्डन बरोज की तारीफ
बरोज की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए, उनके फॉलोअर्स उनका समर्थन कर रहे हैं। एक ने लिखा: "बहुत सही, ओलंपिक समिति को उसे सिल्वर मेडल देना चाहिए। वह यह मेडल डिजर्व करती है। अन्यथा यह उसके साथ अन्याय होगा। उसने अर्जित किया है और उसे मिलना चाहिए।" एक अन्य ने लिखा, "आपके बताए सुझाव तर्कसंगत लगते हैं। आईओसी को इन बदलावों पर तुरंत विचार करना चाहिए।"
विनेश फोगाट के साथ क्या हुआ?
मंगलवार को तीन कठिन मुकाबलों के बाद शरीर में पानी कमी के बावजूद विनेश फोगाट ने केवल ‘थोड़ी मात्रा में पानी’ पिया, अपने बाल कटवाए और पूरी रात जागकर कसरत की ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह अपने वजन की निर्धारित सीमा से अधिक नहीं हो जाए। भारतीय अधिकारियों ने सौ ग्राम वजन कम करने के लिए लाख गुहार लगाई लेकिन नियम बदला नहीं जा सकता था। इससे विनेश का ओलंपिक में सुनहरा सफर यूं दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से खत्म हो गया।
विनेश ने ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनकर इतिहास रचा था। सुबह तक उनका कम से कम रजत पदक पक्का लग रहा था लेकिन अब वह बिना किसी पदक के लौटेंगी। विनेश जब ओलंपिक खेल गांव के एक पोली क्लिनिक में हुई घटनाओं के भावनात्मक और शारीरिक आघात उबर रहीं थी तब दूर नयी दिल्ली में एक विवाद शुरू हो गया, जहां राजनेताओं ने इस गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार लोगों पर कटाक्ष किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें सोशल मीडिया पोस्ट में ‘चैंपियनों के बीच चैंपियन’ कहते हुए उनका समर्थन किया, और खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने घोषणा की कि वैश्विक संचालन संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेस्लिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) के समक्ष ‘कड़ा विरोध’ दर्ज कराया गया है।
क्या है युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग का नियम?
युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) के नियमों के अनुसार पहलवान को वजन कराने की अवधि में कई बार अपना वजन कराने का अधिकार होता है । नियम के अनुसार ‘‘अगर कोई खिलाड़ी पहली और दूसरी बार वजन कराने के समय उपस्थित नहीं होता या अयोग्य होता है तो उसे स्पर्धा से बाहर कर दिया जाएगा और वह आखिरी स्थान पर रहेगा। उसे कोई रैंक नहीं मिलेगी।’’
पेरिस ओलंपिक आयोजन समिति ने एक बयान में कहा, ‘‘विनेश दूसरे दिन कराए गए वजन में अयोग्य पाई गई। अंतरराष्ट्रीय कुश्ती के नियमों की धारा 11 के अनुसार विनेश (भारत) की जगह उस पहलवान को दी जाएगी जिसे उसने सेमीफाइनल में हराया था। इसी वजह से क्यूबा की युसनेलिस गुजमैन लोपेज को फाइनल खेलने का मौका दिया गया है।’’ इसमें कहा गया, ‘‘जापान की युइ सुसाकी और यूक्रेन की ओकसाना लिवाच के बीच रेपेचेज मुकाबला कांस्य पदक का होगा।’’
विनेश के बाहर होने का मतलब है कि 50 किग्रा वर्ग में अब केवल एक कांस्य पदक मिलेगा जबकि सामान्य तौर पर दो कांस्य पदक दिए जाते हैं जिनका फैसला हारने वाले सेमीफाइनलिस्ट और दो रेपेचेज राउंड के विजेताओं के बीच मुकाबलों के बाद होता है। इससे पहले इटली की एमैन्युएला लियुजी को भी वजन अधिक पाये जाने के कारण पहले दौर का मुकाबला गंवाना पड़ा था। भारतीय कुश्ती दल इस घटनाक्रम से मायूस है। विनेश ने ओलंपिक से पहले कहा था कि यह उनका आखिरी ओलंपिक है और अब देखना है कि वह फैसला बदलती है या नहीं।
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