राजस्थान में शादी करने वाली दूसरे राज्यों की महिला भी EWS आरक्षण की हकदार
- राजस्थान हाईकोर्ट महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता नियमित भर्ती-2023 के मामले में सुनवाई करते हुए आदेश दिया। जिस्टस विनीत कुमार माथुर की एकलपीठ ने फैसला सुनाया।
जोधपुर राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस विनीत कुमार माथुर की एकलपीठ ने दूसरे राज्य से राजस्थान में विवाहित महिला को भी ईडब्ल्यूएस आरक्षण का हकदार माना है। राजस्थान हाई कोर्ट ने दूसरे राज्य की महिला को भी राजस्थान में विवाह होने पर EWS आरक्षण देने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता नियमित भर्ती-2023 के मामले में सुनवाई करते हुए आदेश दिया। राजस्थान हाई कोर्ट के जिस्टस विनीत कुमार माथुर की एकलपीठ ने फैसला सुनाया।
दरअसल,याचिकाकर्ता पुनीत रानी का वकील यशपाल खिलेरी ने मीडिया को बताया कि चिकित्सा विभाग ने 19 मई 2023 को महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 3 हजार 384 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी किया था। आर्थिक कमजोर वर्ग (EWS) वर्ग के लिए 10% पदों पर आरक्षण दिया था।
याची पुनीत रानी ने EWS वर्ग में अपना आवेदन किया। चयन प्रकिया पूरा करने के बाद उसे इसलिए हटा दिया कि वह हरियाणा की मूल निवासी होने की वजह से राजस्थान में EWS वर्ग आरक्षण की हकदार नहीं है। इसे लेकर कोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में बताया कि 2014 में उसकी शादी हुई. तब राजस्थान में ही रहती है। उसके पास मूल निवास प्रमाण पत्र और EWS प्रमाण पत्र जारी किया गया। याची के वकील ने बताया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 16 (2) के मुताबिक, किसी भी नागरिक को को जन्म स्थान या निवास के आधार पर राज्य के अधीन किसी भी पद या रोजगार के लिए अपात्र नहीं ठहराया जा सकता और उससे भेदभाव नहीं किया जा सकता।
दूसरे राज्य की राजस्थान में विवाहित महिला को सरकारी नौकरी में EWS वर्ग आरक्षण से वंचित करना गैरकानूनी और असंवैधानिक है। याची के नंबर EWS वर्ग अंतिक कटऑफ से भी अधिक है। राजस्थान हाईकोर्ट ने महिला को राहत देते हुए महिला को EWS कोटे का लाभ देते हुए महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता पर चार सप्ताह में नियुक्ति देने के आदेश दिए।