राजस्थान के टोंक में पत्रकारों पर हमले की निंदा, आंदोलन की चेतावनी; क्या हैं प्रेस क्लब की मांगें
राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित पिंकसिटी प्रेस क्लब ने टोंक में कवरेज के दौरान पत्रकारों पर हुए जानलेवा हमलें की कड़ी निंदा की है। साथ ही सरकार द्वारा पत्रकारों की मांगे नहीं माने जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित पिंकसिटी प्रेस क्लब ने टोंक में कवरेज के दौरान पत्रकारों पर हुए जानलेवा हमलें की कड़ी निंदा की है। साथ ही सरकार द्वारा पत्रकारों की मांगे नहीं माने जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
प्रेस क्लब में शनिवार को गत 14 नवंबर को पत्रकारों पर हुए जानलेवा हमले के विरोध में एक बैठक का आयोजन किया गया। क्लब के अध्यक्ष डॉ वीरेन्द्र सिंह राठौड़ एवं महासचिव योगेन्द्र पंचौली के नेतृत्व में सदस्यों ने इस घटना पर आक्रोश जताते हुए राज्य सरकार से दोषियों को गिरफ्तार कर उन पर कठोर कार्रवाई करने और नुकसान की भरपाई करने की मांग की।
इसके अलावा अन्य राज्यों की तर्ज पर राजस्थान में भी पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की मांग की। बैठक में तय किया गया कि इसके लिए पहले राज्य सरकार को ज्ञापन सौंपा जाएगा। अगर इन मांगों पर सरकार की ओर से सकारात्मक पहल नहीं होती है तो आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा।
बैठक में डॉ राठौड़ ने पत्रकार अजीत सिंह शेखावत एवं कैमरामैन धर्मेंद्र कुमार पर हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि क्लब और वह हमेशा पत्रकारों के साथ खड़े हैं। सरकार से बातकर पत्रकारों की समस्याओं के समाधान के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अब पत्रकारों को एकजुट होकर आगे बढ़ना चाहिए।
क्लब के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार एल एल शर्मा ने पत्रकारों की सुरक्षा पर बल देते हुए कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा का कानून बने और वह लागू हो। इसी तरह वरिष्ठ पत्रकार संदीप दहिया ने कहा कि इसके लिए पत्रकारों को अपनी ताकत दिखानी होगी और उन्हें एकजुट होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को सरकार पर दबाव बनाना चाहिए ताकि विधानसभा के अगले सत्र में पत्रकारों की सुरक्षा कानून का बिल आ जाए।
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार जोरा राम सहित अन्य पत्रकारों ने भी पत्रकारों पर हमले की कड़ी निंदा करते हुए सुरक्षा कानून के लिए पत्रकारों को एकजुटता दिखाने पर बल दिया।