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राजस्थान में नए जिलों पर गर्माई सियासत, मदन राठौड़ पर टीकाराम जूली का डबल अटैक

  • राजस्थान में नए जिलों को लेकर सियासी पारा गरमाया हुआ है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के 6-7 जिले खत्म करने के बयान के बाद कांग्रेस ने पलटवार किया है। पूर्व मंत्री सुखराम विश्नोई और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने निशाना साधा है।

Prem Narayan Meena लाइव हिन्दुस्तानTue, 10 Sep 2024 08:59 AM
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राजस्थान में नए जिलों को लेकर सियासी पारा गरमाया हुआ है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के 6-7 जिले खत्म करने के बयान के बाद कांग्रेस ने पलटवार किया है। पूर्व मंत्री सुखराम विश्नोई और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने निशाना साधा है। सुखराम विश्नोई ने कहा कि सांचौर को जिला खत्म करने का विरोध किया जाएगा। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा है कि भाजपा अध्यक्ष सरकार के मुखिया नहीं हैं. कमेटी और सरकार तय करेगी कि कौन से जिले रहेंगे या खत्म होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा अध्यक्ष के बयान से लगता है कि वे राजस्थान के लोगों का भला नहीं सोच रहे हैं।

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि ये लोग सत्ता के नशे में चूर हैं। भाजपा अध्यक्ष सरकार के मुखिया नहीं हैं. सरकार ने जिलों के लिए कमेटी बनाई है, जिसमें मंत्री और अधिकारी हैं। वे हर बार समय मांग रहे हैं कि कमेटी का समय बढ़ाया जाए। ये (भाजपा नेता) आरोप लगाते हैं कि कांग्रेस ने तुष्टिकरण किया। जिलों में भी तुष्टिकरण? यह समझ में नहीं आ रहा कि इन लोगों की सोच क्या हो चुकी है।

टीकाराम जूली बोले कि हमने नए जिले बनाए थे कि लोगों को नजदीक ही राहत मिले, त्वरित न्याय मिले। लोगों की परेशानी खत्म हो। नजदीक मुख्यालय रहेगा तो लोगों को सुविधा होगी। स्टाफ लगेगा तो युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। यह कांग्रेस सरकार का ऐतिहासिक फैसला था। उन्होंने कहा कि वे खुद बहरोड के रहने वाले हैं, जहां से अलवर की दूरी 100 किलोमीटर है। 

अगर हम हरियाणा की बात करें तो वहां हर 30 किलोमीटर पर जिले बदल जाते हैं, जिससे लोगों को सहूलियत मिलती है। नए जिले बनाने के बाद जिला मुख्यालय तक जाने का समय आधा ही लगने लगा, दूरी आधी हो गई। इसी तरह यह सुविधा प्रदेशभर के लोगों को मिली है।उन्होंने कहा कि आज देश में क्षेत्रफल के लिहाज से राजस्थान सबसे बड़ा राज्य है, लेकिन जिलों की संख्या कम थी। 

जूली ने कहा कि नए जिलों पर मुख्यमंत्री, कमेटी के अध्यक्ष या सदस्य इस स्थिति में आ जाएं कि हम यह फैसला लेने जा रहे हैं। तब इसके बारे में घोषणा होनी चाहिए। इस तरह की बयानबाजी करने से लगता है कि ये राजस्थान का भला नहीं सोच रहे हैं। अगर ये जिलों की संख्या 50 से आगे बढ़ाने की बात करते तो अच्छा होता, ताकि लोगों को सहूलियत मिलती। जहां से मांग आ रही है। वहां भी नए जिले बनाए जाने चाहिए।

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