Hindi Newsराजस्थान न्यूज़Udaipur Mustache Club got employment from the mustache

उदयपुर का मुच्छड़ क्लब: हर कार्यक्रम में आकर्षण का केंद्र रहते हैं इस क्लब के सदस्य, इनकी मूछों के सब दीवाने, मूछों से मिला रोजगार

जुलूस, राजनीतिक व सामाजिक कार्यक्रम, फिल्मों की शूटिंग, शाही शादियों की शान माने जाते हैं ये 25 लोग, जो अपनी मूछों को जान से ज्यादा तवज्जो देते हैं। इन मूछों ने इन्हें रोजगार से भी जोड़ दिया।

Vishva Gaurav लाइव हिंदुस्तान, उदयपुर।Mon, 10 Oct 2022 12:55 PM
share Share

उदयपुर शहर के मुच्छड़ क्लब का हर कोई दीवाना है। शहर के तमाम सार्वजनिक कार्यक्रमों की शान कहलाते हैं इस क्लब के सदस्य। जुलूस, राजनीतिक व सामाजिक कार्यक्रम, फिल्मों की शूटिंग, शाही शादियों की शान माने जाते हैं ये 25 लोग, जो अपनी मूछों को जान से ज्यादा तवज्जो देते हैं। इन मूछों ने इन्हें रोजगार से भी जोड़ दिया। खास बात यह है कि रियासतकाल में दाढ़ी मूछों के शौकीन राजा महाराजाओं की परंपरा को भी ये लोग जिंदा रखे हुए हैं।

उदयपुर में इस मुच्छड़ क्लब की स्थापना 2007 में हुई थी। इस ग्रुप के 25 सदस्य आपस में बहुत गहरे दोस्त भी हैं। मूछों और दाढ़ी के कारण कई फिल्मों व सीरियल में काम करने का मौका मिला। ये सभी दोस्त सामाजिक व राजनीतिक कार्यक्रमों में एक साथ शिरकत करते हैं और लोगों के आकर्षण का केंद्र बन जाते हैं। क्लब के सदस्य बताते हैं कि बड़ी मूंछों व दाढ़ी रखने वाले लोगों को इसकी सार संभाल में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। दाढ़ी मूछों को बड़ा करने के लिए बादाम के तेल का इस्तेमाल करते हैं।

चार लोगों ने बनाया ग्रुप
ग्रुप के पहले सदस्य राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल पद पर कार्यरत उपेंद्र व्यास बताते हैं कि उन्हें मूछें रखने का शौक पहले से था। बाद में बड़ी मूछें रखने का शौक हो गया। 2006 में मूछें बढ़ाना शुरू किया ताकि चेहरा रौबीला दिखाई दे। उन्होंने बताया कि दाढ़ी और मूछें रखना पहले राजा महाराजाओं के शौर्य व पराक्रम का प्रतीक माना जाता था। हम भी मेवाड़ की इस शान व परंपरा को निभा रहे हैं।

वीरप्पन को देखकर लगा शौक
उपेंद्र बताते हैं कि चंदन तस्कर विरप्पन को देखकर ही बड़ी मूछें रखने का शौक बना। इसके कई फायदे भी हैं। इससे झुर्रियां दाग आदि छुप जाते हैं। सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि हमें फिल्मों व सीरियल में काम मिला। जैसे राजस्थान टूरिज्म के एड में, लाल कप्तान मूवी में डाकू का रोल, कंगना राणावत की मूवी नक्सली का रोल मिला। राजस्थान पुलिस में भी उनकी मूछों की वजह से अलग पहचान बनी है।

इस ग्रुप के सदस्य मंगल सिंह बताते हैं कि वे बैंक में गनमैन के पद पर काम कर रहे हैं। मेवाड़ की धरा पर पैदा होने का मौका मिला इसलिए वीर शीरोमणि महाराणा प्रताप से प्रभावित हूं। मेवाड़ की शान व परंपरा को बचाने के लिए मूछें रखी हैं।

एक सदस्य की शादी नहीं हो रही
इस ग्रुप के सदस्य राहुल की शादी दाढ़ी और मूछों की वजह से नहीं हो रही है। घर आने वाले रिश्ते भी दाढ़ी मूछें देखकर मना कर देते हैं। यही वजह है कि राहुल ने राखी सावंत, मल्लिका शेरावत के स्वयंवर में भी शिरकत की, लेकिन रिजेक्ट कर दिए गए। बहरहाल इस मुच्छड़ क्लब की पहचान देश विदेश में भी है। यहां आने वाले विदेशी सैलानी भी इनके साथ फोटो खिंचवाते हैं।

अगला लेखऐप पर पढ़ें