बाल विवाह के डर से घर से भागी नाबालिग बेटी, उदयपुर से 110 किमी दूर चित्तौड़गढ़ में मिला सहारा
बाल विवाह के डर से उदयपुर निवासी एक बच्ची घर से भाग गई। चित्तौड़गढ़ कोर्ट से वकीलों ने उसे चाइल्ड लाइन ऑफिस भेज दिया। यहां वह सुरक्षित रह सकती है। परिवारवाले अधेड़ से उसकी शादी करवाना चाहते थे।
बाल विवाह के डर से उदयपुर निवासी एक बच्ची घर से भाग कर 110 किमी चित्तौड़गढ़ पहुंच गई। चित्तौड़गढ़ कोर्ट से वकीलों ने उसे चाइल्ड लाइन ऑफिस पहुंचाया, जहां उसे सुरक्षित रहने की जगह मिल गई है। परिवार वाले बच्ची की अधेड़ उम्र के व्यक्ति के साथ शादी करवाना चाहते थे। बच्ची ने इसका विरोध किया पर परिवार वाले नहीं मानें तो उसने यह कदम उठाया।
बच्ची ने आपबीती सुनाते हुए बताया कि पहले उसकी सगाई हो चुकी थी, जिसका उसने विरोध नहीं किया था। गत दिनों पारिवारिक कारणों और लालच में आकर परिवार वालों ने पहला रिश्ता तोड़ दिया और अधेड़ उम्र के एक व्यक्ति के साथ शादी के लिए दबाव डालने लगे। विरोध किया तो सख्ती की गई। इसके बाद बच्ची घर से भागकर जहां उसकी सगाई हुई थी, उस घर चली गई, लेकिन उन्होंने नाबालिग बताते हुए घर में आश्रय देने से इनकार कर दिया।
इसके बाद नाबालिग बच्ची घूमते हुए बस के जरिए चित्तौड़गढ़ पहुंच गई, वो वहां कोर्ट कैंपस में पहुंची, जहां एक वकील ने उससे पूछा तो उसने पूरी कहानी बयां कर दी। वकील ने बच्ची को चाइल्ड लाइन ऑफिस पहुंचा दिया। जिला समन्वयक सुमित्रा शर्मा के निर्देशन में चाइल्ड टीम ने बच्ची की काउंसलिंग शुरू की है।
टीम के सदस्य गोपाल चावला और गायत्री शर्मा ने चित्तौड़गढ़ के कोतवाली थाने में बालिका की सूचना दर्ज करवाकर बाल कल्याण समिति के सदस्य रमेशचंद्र दशोरा के समक्ष प्रस्तुत किया, जहां से बालिका को अग्रिम काउंसलिंग और कार्रवाई के लिए बालिका ओपन शेल्टर होम आश्रय स्थल भेजा गया है। बालिका के परिवार वालों को भी सूचना दी गई है।