Hindi Newsराजस्थान न्यूज़Snatched books from the hands of Kashmiris and handed them guns said the Diwan of Ajmer Dargah on Yasin Malik punishment

'कश्मीरियों के हाथ से किताबें छीन बंदूकें थमाईं', यासीन मलिक को सजा पर यह बोले अजमेर दरगाह के दीवान

अजमेर दरगाह के दीवान व आध्यात्मिक प्रमुख सैयद ज़ैनुअल आबेदीन अली खां ने कहा कि उसने निर्दोष कश्मीरियों के हाथ से किताबें छीनकर उनके हाथ में जबरदस्ती बंदूकें देकर उन्हें आतंकवादी बना दिया।

Vishva Gaurav लाइव हिंदुस्तान, अजमेर।Thu, 26 May 2022 11:37 AM
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जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्र कैद की सजा मिलने के बाद अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के दीवान ने इसे कर्मों की सजा बताया है। अजमेर शरीफ के दीवान जेनुअल आबेदीन ने यासीन मलिक की सजा को जायज ठहराते हुए इसे न्यायपालिका की स्वतंत्रता बताया है। 

दरगाह के दीवान व आध्यात्मिक प्रमुख सैयद ज़ैनुअल आबेदीन अली खां ने ट्वीट के जरिए जारी बयान में कहा कि यासीन मलिक को पूरी न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद उसके अपराधों के लिए दंडित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, 'भारत की न्याय व्यवस्था ने एक बार फिर अपनी बुद्धिमत्ता, स्वतंत्रता और पारदर्शी छवि को साबित किया, जिसकी प्रशंसा पूरी दुनिया करती है।'

यासीन ने कश्मीरियों को जबरन बनाया आतंकी: खां
खां ने लिखा, 'मलिक ने भारत में आतंकवाद को भड़काकर आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया। उसने निर्दोष कश्मीरियों के हाथ से किताबें छीनकर उनके हाथ में जबरदस्ती बंदूकें देकर उन्हें आतंकवादी बना दिया।' उन्होंने कहा कि यासीन को उसके कर्मों की सजा मिली है, यासीन मलिक की सजा से पाकिस्तान का आतंक पसंद चेहरा भी बेनकाब हुआ है।

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