Hindi Newsराजस्थान न्यूज़rajasthan police posed as carpenters labourers and cooks then caught Dacoit Keshav Gurjar from Dhaulpur District

पुलिसवाले बन गये बढ़ई, मजदूर और कुक, भेष बदल पुलिस ने डकैत केशव गुर्जर को कैसे पकड़ा; जानिए

पुलिसवाले स्थानीय निवासी बनकर गांवों में रहे और ग्रामीणों से घुलमिल गये। वो लोग इस तरह से काम करते थे कि ग्रामीणों को विश्वास हो जाए कि वो पुलिस के लिए काम नहीं करते हैं और पुलिसवाले नहीं हैं। 

Nishant Nandan लाइव हिन्दुस्तान, धौलपुरWed, 1 Feb 2023 09:46 AM
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हाल ही में राजस्थान के धौलपुर जिले के जंगलों से कुख्यात डकैत केशव गुर्जर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। 35 साल के इस डकैत को एंटी-डकैत स्क्वॉयड ने पकड़ा है। इसके पकड़े जाने के बाद पुलिस ने बताया है कि इस कुख्यात को पकड़ना इतना आसान नहीं था। केशव गुर्जर को पकड़ने के लिए पुलिस इससे पहले 10 बार प्रयास कर चुकी थी लेकिन उसे सफलता नहीं मिली थी। इतना ही नहीं डकैत के प्रति हमदर्दी रखने वाले लोगों ने बारी, बसेरी और सोने का गुर्जा इलाके में पुलिस की पिटाई भी कर दी थी। 

लेकिन इस बार पुलिस ने काफी सतर्कता बरती थी। पुलिस ने अपने लोगों को बढ़ई, मजदूर, कूक और फूड कैटर्रस बना कर विभिन्न गांवों में तैनात कर रखा था। अंडरकवर पुलिस की टीम ने विभिन्न गांवों में करीब 6 महीने से ज्यादा का वक्त गुजारा। इस दौरान इस टीम के लोग गांव के लोगों के बीच घुलमिल गये और सूचनाएं हासिल कर सीधे अपने वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा।  

स्थानीय ट्रांसपोर्ट और गांव के रास्तों का नहीं करता था इस्तेमाल

टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में धौलपुर के एसपी धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि डकैत गुर्जर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और धौलपुर के इलाकों में घूमता था। गुर्जर कभी स्थानीय ट्रांसपोर्ट या गांव के रास्तों का इस्तेमाल नहीं करता था। वो एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए इन राज्यों को जोड़ने वाली नालों का इस्तेमाल करता था। पिछले एक साल से हमारे कई लोग स्थानीय निवासी बनकर गांवों में रहे और ग्रामीणों से घुलमिल गये। वो लोग इस तरह से काम करते थे कि ग्रामीणों को विश्वास हो जाए कि वो पुलिस के लिए काम नहीं करते हैं और पुलिसवाले नहीं हैं। 

किरायेदार बन रह रहे पुलिसवाले ने किया फोन

एसपी ने बताया कि डकैत जिन नालों का इस्तेमाल करता था वो जगह पुलिस के लिए काफी मुश्किल भरा था। हालांकि, रविवार की शाम और सोमवार की सुबह हुई बारिश पुलिस के लिए काफी फायदेमंद साबित हुई। इससे पहले भी हमें उसके बारे में जानकारी मिली थी लेकिन उसका नेटवर्क तेज था और वो हमें चकमा देने में कामयाब हो जाता था। 

एसपी ने बताया कि इस बार रविवार की रात करीब 11 बजकर 30 मिनट पर उन्हें एक फोन आया। गांव में बतौर किरायेदार रहने वाले हमारे पुलिसकर्मियों की मदद से हमें केशल गुर्जर के सही लोकेशन का पता चल गया।

डकैत के 2 साथी भी दबोचे गये

एसपी ने यह माना है कि स्थानीय लोगों की मदद से केशव गुर्जर कम से कम 10 बार पुलिस की पकड़ में आने से बच चुका था। इस बार हम उससे आगे थे। हमारे लोग सोने का गुर्जा, बसेरी, बारी और कुछ अन्य गांवों में पहले से ही तैनात थे। सोने का गुर्जा से हमें उसकी जानकारी मिली और फिर हमने आसपास के गांवों में तुरंत अपने लोगों को तैनात कर दिया ताकि वो इन गांवों से होकर अगर भागने की कोशिश करे तो हमें जानकारी मिल सके। 

केशव गुर्जर को गिरफ्तार करने के अगले दिन धौलपुर पुलिस की टीम ने उसके दो सहयोगियों को भी धर दबोचा। यह दोनों उस दिन उसके साथ थे और पुलिस पर फायरिंग भी की थी। इन दोनों की पहचान बंटी पंडित और नरेश गुर्जर के तौर पर हुई है। दो बंदूक और करीब 100 कारतूस इनके पास से बरामद हुए हैं।

मुठभेड़ में डकैत के पैर में लगी गोली

बता दें कि डकैत के बारे में पुख्ता सूचना मिलने के बाद एसपी धर्मेंद्र सिंह ने पुलिस की टीम के साथ डांग के जंगलों में पहुंचे और सर्च अभियान शुरू किया था।  सर्च अभियान चम्बल के किनारे और सोने का गुर्जा क्षेत्र में चलाया गया था। ऑपरेशन के दौरान डकैत गिरोह और पुलिस की आमने - सामने मुठभेड़ हुई थी, जिसमे कई राउंड फायर हुए है इसी दौरान केशव गुर्जर के पैर में गोली लगी थी। केशव गुर्जर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में केशव गुर्जर का आतंक था। बताया जाता है कि उसका गिरोह डकैती, हत्या और अपहरण जैसे संगीन अपराधों में संलिप्त है।

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