कूड़ा मुक्त विवाह कैंपेन से चर्चा में नीरू यादव, जानिए क्यों हैं 'हॉकी वाली सरपंच' के नाम से मशहूर
राजस्थान के झुंझुनू जिले के गांव की सरपंच नीरू यादव ने अपने इस कैंपेन को लेकर कहा कि देश में खाना की बर्बादी एक बड़ी समस्या है। यह वातावरण और अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित करता है।
राजस्थान के झुंझुनू में 'हॉकी वाली सरपंच' के नाम से मशहूर नीरू यादव के अनोखे अभियान की आज काफी चर्चा हो रही है। नीरू यादव तहसील बुहाना के लंबी अहीर की सरपंच हैं। हाल ही में उन्होंने खाने की बर्बादी को रोकने के लिए सकारात्मक पहल की है। सरपंच ने अपने गांव में 'कूड़ा मुक्त विवाह कार्यक्रम' नाम से अनूठा कैंपेन शुरू किया है। इस कैंपेन के तहत वो गांव के किसी शादी समारोह या अन्य कार्यक्रमों में खाना बनाने और खिलाने के लिए मुफ्त में स्टील के बर्तन देती हैं।
इसके अलावा नीरू यादव ने अपनी एक टीम भी बनाई है। इस टीम के सदस्य फूड वेस्ट को इकट्ठा करते हैं और उससे खाद बनाते हैं तथा इसे किसानों को कम दामों पर बेचा जाता है। इस काम के पीछे इनका मकसद डिस्पोजेबल, प्लास्टिक और बोतलों से फैलने वाले कूड़े को कम करना और गांव को साफ-सूथरा रखना है। इसके अलावा इनका मकसद बेकार हो चुके खाने को प्राकृतिक स्त्रोतों का इस्तेमाल कर बेहतर तरीके से रिसाइकल करना है।
सरपंच नीरू यादव ने अपने इस कैंपेन को लेकर कहा कि देश में खाना की बर्बादी एक बड़ी समस्या है। यह वातावरण और अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित करता है। भोजन का उत्पादन करने और उसे ग्रहण करने के बीच जो बड़ा गैप है वो खराब प्रबंधन की वजह से ही है। मैंने यह देखा है हमारे गांव में खासकर शादी कार्यक्रम और अन्य कार्यक्रमों के दौरान। हमारी टीम इसके निराकरण का उपाय लेकर सामने आई है। हम लोगों को स्टील के बर्तन देते हैं ताकि वो इनका इस्तेमाल शादी-विवाद या अन्य कार्यक्रमों में करें। हम इन बर्तों को इस्तेमाल करने के बाद एक जगह रख देते हैं ताकि फिर इसका इस्तेमाल कोई दूसरा कर सके।
UNEP's (United Nations Environment Programme) की फूड वेस्ट इंडेक्स रिपोर्ट 2021 के मुताबिक पूरे विश्व में 1 बिलियन टन खाना हर साल बर्बाद होता है। रिपोर्ट के मुताबिक, खाना बर्बाद करने में भारत चीन के बाद दूसरे स्थान पर है। यहां हर साल एक इंसान 50 किलो खाना बर्बाद करता है। सरपंच नीरू यादव की इस पहल ने गांव में छोटा बदलाव जरूर लगाया है। जाहिर है अगर इस पहल की शुरुआत पूरे राज्य में हो तो इसका असर व्यापक पैमाने पर होगा।
'हॉकी वाली सरपंच' के नाम से हैं मशहूर
नीरू यादव लांबी अहीर की पहली युवा सरपंच हैं। इस गांव में यादव जाति की बहुलता है। यह गांव हरियाणा बॉर्डर से सटा हुआ है। नीरू यादव ने गांव में महिला हॉकी टीम का गठन किया था। इसके बाद से गांव वाले उन्हें हॉकी वाली सरपंच कहने लगे। नीरू यादव ने अपनी सैलरी दान कर दी और हॉकी के लिए मैदान, हॉकी किट्स, यूनिफॉर्म और गांव में एक हॉकी कोच का प्रबंध किया। वो हॉकी खेलने वाली लड़कियों के लिए इंटर-सिटी और इंटर-स्टेट लेवल की हॉकी मैच भी करवाती हैं। इससे खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलता है।
नीरू यादव गांव में लड़कियों की पढ़ाई में भी उनकी मदद करती हैं। उन्होंने 10 लड़कियों को PMKVY योजना के तहत ट्रेनिंग दिलाई और उनकी मदद से इन सभी लड़कियों ने MNCs में नौकरी भी हासिल की है। उनके इस प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद 15 अन्य लड़कियों भी स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग के लिए नीरू यादव के पास आई हैं और जल्द ही नए बैच की ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी।
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