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मथुरा में मंदिर बनने तक एक टाइम भोजन, राजस्थान के शिक्षा मंत्री का नया प्रण; राम मंदिर को लेकर भी खाई थी कसम

राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर एकबार फिर तगड़ा प्रण ले लिया है। उन्होंने कहा कि जब तक भगवान कृष्ण के जन्मस्थल पर भव्य मंदिर नहीं बन जाता तब तक वह दिन में एक ही बार भोजन करेंगे। 

Krishna Bihari Singh भाषा, कोटाMon, 22 Jan 2024 09:54 PM
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अयोध्या में सोमवार को राम मंदिर के गर्भगृह में श्री रामलला के नवीन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा संपन्न हो गई। इस मौके पर देश के विभिन्न हिस्सों में कार्यक्रम आयोजित हुए। राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर भी कोटा में अपने निर्वाचन क्षेत्र रामगंज मंडी में एक अभिनंदन समारोह में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने एकबार फिर नया प्रण ले लिया। मदन दिलावर ने अपने संबोधन में कहा कि जब तक भगवान कृष्ण के जन्मस्थल पर भव्य मंदिर नहीं बन जाता तब तक वह दिन में एक ही बार भोजन करेंगे। 

दिलावर ने कोटा में अपने निर्वाचन क्षेत्र रामगंज मंडी में एक अभिनंदन समारोह में कहा- जब तक भगवान कृष्ण के जन्मस्थल पर भव्य मंदिर का निर्माण नहीं हो जाता, मैं आज से तब तक दिन में बस एक ही बार भोजन करूंगा। अपने संबोधन में दिलावर ने याद किया कि कैसे उन्होंने 1992 में अयोध्या में अपने सहयोगियों की अवैध हिरासत और उन पर हत्या के मनगढ़ंत आरोप लगाए जाने के खिलाफ डॉ. किरोड़ी लाल मीणा (अब राज्य के कैबिनेट मंत्री) एवं सैकड़ों कारसेवकों के साथ प्रदर्शन किया था। 

छह बार के विधायक और तीन बार के मंत्री दिलावर ने फरवरी 1990 में शपथ ली थी कि अयोध्या में जब तक राम मंदिर का निर्माण नहीं हो जाता, तब तक वह फूलों की माला नहीं पहनेंगे। सोमवार को अयोध्या में राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने के बाद दिलावर को उनके समर्थकों द्वारा फूलों की 34 किलोग्राम की माला और पुष्प निर्मित 108 फुट लंबी एक अन्य माला पहनाने की पेशकश की गई। 

हालांकि दिलावर ने इन मालाओं को यह कहते हुए पहनने से इनकार कर दिया कि 31 जनवरी को अयोध्या में मंदिर में रामलला के दर्शन करने के बाद वह माला पहनेंगे। फरवरी, 1990 में दिलावर ने यह भी संकल्प लिया था कि जब तक जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 निरस्त नहीं होता तब तक वह बिस्तर पर नहीं सोएंगे। बताया जाता है कि 2019 में जब अनुच्छेद 370 हटाया गया तब तक वह चटाई पर ही सोते थे। इसके बाद वह बिस्तर पर सोने लगे।

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