राजस्थान चुनाव में कांग्रेस का 'नहर प्रोजेक्ट' पर फोकस; 13 जिलों की 83 सीटों पर मिलेगा फायदा! समझें प्लान
पूर्वी राजस्थान में 13 जिलों की 83 विधानसभा सीटें आती हैं। इस इलाके में पूर्वी राजस्थान नहर परियोनजा (ERCP) एक बड़ा मुद्दा बनती जा रही है। सत्तारुढ़ कांग्रेस इस मुद्दे को भुनाने में जुट गई है।
Rahasthan Assembly Election: राजस्थान समेत पांच राज्यों के चुनावों की तारीखों का ऐलान किया जा चुका है। राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान की तारीख तय की गई है। चुनावी तारीखों के ऐलान के बाद राज्य की दोनों ही प्रमुख पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है। राज्य में कांग्रेस अपने चुनाव प्रचार का अभियान की शुरुआत पूर्वी राजस्थान के बारां जिले से करेगी। पूर्वी राजस्थान में 13 जिलों की 83 विधानसभा सीटें आती हैं। इस इलाके में पूर्वी राजस्थान नहर परियोनजा (ERCP) एक बड़ा मुद्दा बनती जा रही है। कांग्रेस इस मुद्दे को भुनाने में जुट गई है। आइये समझते हैं पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों की 83 विधानसभा का महत्व क्या है और पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना का इन सीटों पर कितना असर होगा...
क्या है ERCP प्रोजेक्ट
पूर्वी राजस्थान नहर प्रोजेक्ट की शुरुआत भाजपा सरकार में की गई थी। इस प्रोजेक्ट में 40 हजार करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है। इस प्रोजेक्ट के पूरा हो जाने के बाद पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों की 2 लाख हेक्टेय जमीन की सिंचाई सुविधा मिलेगी। 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय दर्ज देने की मांग करते हुए केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साध रहे हैं। ईआरसीपी और पूर्वी राजस्थान की 83 सीटों के महत्व का अंदाजा इस बाद से भी लगाया जा सकता है कि कांग्रेस अपने चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत यहीं से करने जा रही है और इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाएगी।
क्या है कांग्रेस का प्लान
शुक्रवार को राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हम ईआरसीपी पर केंद्र के विश्वासघात के खिलाफ यात्रा निकाल रहे हैं। हम 16 अक्टूबर को बारां जिले से अपना चुनाव अभियान शुरू कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस यात्रा की शुरुआत में शामिल होने के लिए कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे आ रहे हैं। उन्होंने यहा भी बताया कि प्रियंका गांधी वाड्रा 20 अक्टूबर को सिकराय आएंगी और यहां एक रैली को संबोधित करेंगी। पूर्वी राजस्थान में झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, अजमेर, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर और धौलपुर जिले शामिल हैं। कांग्रेस का अभियान हर दिन पूर्वी राजस्थान के दो जिलों को कवर करेगा। पार्टी के एक नेता ने बताया कि कांग्रेस हर जिले में एक सार्वजनिक बैठक भी आयोजित करेगी।
भाजपा का जवाब
ईआरसीपी मुद्दे को लेकर कांग्रेस द्वारा घेरे जाने के बाद भाजपा का इस पर जवाब आया है। भरतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर इस परियोजना को लेकर राजनीति करने और प्रोजेक्ट को पूरा करने की दिशा में सही कदम ना उठाने का आरोप लगाया है। इस बारे में बात करते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत कहा कि अशोक गहलोत इस (ईआरसीपी) मुद्दे पर राजनीति करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि यह गहलोत की विफलता थी। बार-बार बातचीत के बावजूद राजस्थान से कोई सकारात्मक सहयोग नहीं मिला। शेखावत ने गहलोत पर आरोप लगाते हुए कहा कि मध्य प्रदेश से एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) नहीं मिलने, राजस्थान सरकार की जिद और नियमों के विपरीत परियोजना को लागू करने की गहलोत की जिद के कारण परियोजना आगे नहीं बढ़ सकी। इस दौरान भाजपा नेता ने कहा कि गहलोत की प्राथमिकता राजनीति है, लोगों के लिए पानी नहीं। उन्होंने दावा किया कि मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकारों द्वारा परियोजना के लिए सैद्धांतिक सहमति देने के बावजूद, राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण काम अटक गया।