राजस्थान में कल से नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल, अनिश्चितकालीन हड़ताल पर पंप संचालक
राजस्थान के पेट्रोल पंप संचालकों ने कल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। उन्होंने दो दिन की सांकेतिक हड़ताल के बाद गहलोत सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आने के बाद यह फैसला लिया है।
गहलोत सरकार की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया सामने नहीं आने के बाद राजस्थान के पेट्रोल पंप संचालकों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने गुरुवार शाम को एक बैठक के बाद फैसला लिया कि शुक्रवार सुबह 6 बजे से सूबे के 7 हजार पेट्रोल पंप बंद रहेंगे। राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने 13 और 14 सितंबर को दो दिन की सांकेतिक हड़ताल के बाद अशोक गहलोत सरकार की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं आने के बाद यह निर्णय लिया है।
राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य में पेट्रोल-डीजल पर वैट पंजाब के समान करने की मांग को लेकर प्रदेशव्यापी दो दवसीय सांकेतिक हड़ताल सफल रही है। पूरे प्रदेश में सभी पेट्रोल पंप और तेल डिपो बंद रहे। हमारी मांगों पर राज्य सरकार ने अपनी हठधर्मिता बनाये रखी है। राज्य सरकार ने कोई सकारात्मक रुख नहीं अपनाया है। इसको लेकर राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के कार्यकारिणी एक बैठक गुरुवार शाम को आयोजित की गई।
राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने कहा- बैठक में सर्वसम्मति से कल 15 सितंबर प्रातः 6.00 बजे से प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का निर्णय लिया गया है। 15 सितंबर से प्रदेश के समस्त पेट्रोल पंप न तो किसी प्रकार की बिक्री करेगें और नहीं डिपो से माल खरीदेंगे। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह डीलर्स की मांग पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए राज्य में वैट पंजाब के समान कर के मंहगाई की मार झेल रहे आमजन / किसान और पेट्रोल पंप कारोबारियों को राहत प्रदान करे।
राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने कहा है कि हम इस अनिश्चितालीन आंदोलन से जनता को होने वाली असुविधा के लिए खेद व्यक्त करते हैं। हम आशा करते हैं कि इस शांति पूर्ण आंदोलन में जनता हमारा साथ देगी। असल में यह लड़ाई आम लोगों की है। राजस्थान में पेट्रोल पर वैट ज्यादा लगने के कारण पेट्रोल-डीजल की कीमतें ज्यादा हैं। इस वजह से सूबे में दैनिक इस्तेमाल की सभी वस्तुओं के दाम निरंतर बढ़ते जा रहे हैं। यदि राजस्थान में भी वैट कम होता है तो प्रत्यक्ष रूप से इसका लाभ आम लोगों को होता।