भजनलाल शर्मा पर BJP का वह पहला सिग्नल जिसे समझ नहीं सका कोई, पहले ही तय हो गया था CM बनाना!
भजनलाल शर्मा राजस्थान के नए सीएम होंगे। भजनलाल को मुख्यमंत्री मनोनीत किए जाने के बाद बाद अब राजनीतिक विश्लेषकों का ध्यान उस संकेत की ओर गया है जो भाजपा ने टिकटों की घोषणा के वक्त दिया था।
राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन बनेगा, 3 दिसंबर को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मिली जीत के बाद से पूछे जा रहे सवाल का जवाब मंगलवार को विधायक दल की बैठक के बाद सामने आ गया। भजनलाल शर्मा को भाजपा ने राजस्थान का नया मुख्यमंत्री चुना है। वसुंधरा राजे, बाबा बालकनाथ, गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी, किरोड़ी लाल मीणा, अश्वणी वैष्णव समेत करीब एक दर्जन नामों पर अटकलों के बीच भजनलाल का नाम सामने आया तो सभी चौंक गए, क्योंकि उनका नाम एक बार भी चर्चा में नहीं आया था।
भजनलाल को मुख्यमंत्री मनोनीत किए जाने के बाद बाद अब राजनीतिक विश्लेषकों का ध्यान उस संकेत की ओर गया है जो भाजपा ने टिकटों की घोषणा के वक्त दिया था। उस वक्त कोई भी इस सिग्नल को समझ नहीं पाया था। माना जा रहा है कि भाजपा ने अचानक उनके नाम का ऐलान नहीं किया है, बल्कि सोची-समझी रणनीति के तहत पहले ही उन्हें कप्तान बनाने का फैसला कर लिया गया था।
क्या था संकेत
विधानसभा चुनाव के लिए जब भाजपा टिकटों का ऐलान कर रही थी तो जयपुर की सांगानेर सीट पर उम्मीदवार की घोषणा से खलबली मच गई। भाजपा ने इस सीट पर अपने मौजूदा विधायक का टिकट काटकर एक ऐसे व्यक्ति को उतार दिया जो पहले कभी चुनकर विधानसभा नहीं पहुंचा था। दरअसल, यही वह संकेत था जिसे तब कोई समझ नहीं सका। भाजपा ने अपने सबसे सुरक्षित सीटों में से एक पर भजनलाल को उतारा था। भाजपा 2003 से लगातार हर बार यहां जीत दर्ज करती रही है। माना जा रहा है कि भाजपा ने पहले ही भजनलाल को मुख्यमंत्री बनाने की तैयारी कर ली थी और इसी वजह से सबसे सुरक्षित सीट से उतारा गया था।
गांव के सरपंच से प्रदेश के मुखिया तक का सफर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े विधायक भजनलाल शर्मा के पास प्रशासन का अनुभव तो नहीं है, लेकिन संगठन में वह लंबे समय से काम कर रहे हैं। भजनलाल भाजपा के प्रदेश महासचिव हैं। उनके पास राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री है। भजनलाल भाजपा के छात्र संगठन विद्यार्थी परिषद में भी अपनी सेवा दे चुके हैं। उन्हें गृहमंत्री और भाजपा के मौजूदा समय में चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह के विश्वासपात्र बताए जाते हैं। उन्होंने राजनीतिक करियर की शुरुआत गांव के सरपंच से की थी।
क्यों बड़ा है यह बदलाव
भजनलाल शर्मा से पहले राजस्थान में ब्राह्मण समुदाय से आने वाले आखिरी मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी थे। बीते दो दशक में पहली बार भाजपा की ओर से राजस्थान में कोई नया चेहरा मुख्यमंत्री होगा। इससे पहले वसुंधरा राजे 2003 से 2008 और 2013 से 2018 तक दो बार मुख्यमंत्री पद पर रह चुकी हैं। इस बार भी उन्हें मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल माना जा रहा था।