'मुस्लिम जाल में ना फंसें', CAA पर क्या बोले अमेजर शरीफ के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी सैयद नसीरुद्दीन चिश्त
सैयद नसीरुद्दीन चिश्त ने कहा, 'मैं देश के सभी लोगों से यह अपील करता हूं , खासकर मुस्लिमों से कि वो जाल में ना फंसें। जो लोग इसका राजनीतिक फायदा उठाना चाहते हैं मैं उनसे कहना चाहता हूं कि वो इसे रोकें।
नागरिकता संशोधन कानून (CAA)को लेकर अब तक अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। अब ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के अध्यक्ष और अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख के उत्तराधिकारी सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है। सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा, 'यह कानून नागरिकता देता है और इसमें किसी की भी नागरिकता छिनने का प्रावधान नहीं है। जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं वो सिर्फ राजनीति कर रहे हैं।
मैं देश के सभी लोगों से यह अपील करता हूं , खासकर मुस्लिमों से कि वो जाल में ना फंसें। जो लोग इसका राजनीतिक फायदा उठाना चाहते हैं मैं उनसे कहना चाहता हूं कि वो इसे रोकें। मुसलमान नौकरी और विकास चाहते हैं और इसलिए मुस्लमि देश औऱ सरकार के साथ खड़े हैं।'
अभी हाल ही में केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून को नोटिफाई किया था। केंद्र सरकार के इस कदम से यह कानून अब पूरे देश में लागू हो गया है। इस कानून के लागू हो जाने के बाद अब तक कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं।
इस कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में प्रताड़ित होकर भारत आने में वाले सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। केंद्र सरकार पहले ही यह साफ कर चुकी है कि सीएए किसी भी भारतीय नागरिक की नागरिकता लेने से संबंधित नहीं है। इसमें नागरिकता देने की बात कही गई है।
सीएए को लेकर अब तक कई राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि सीएए को लेकर विपक्ष तुष्टीकरण की राजनीति कर रहा है और इसे वापस नहीं लिया जाएगा। अमित शाह ने कहा है कि यह कानून असंवैधानिक नहीं है और इसमें कानूनी संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन नहीं है। गृहमंत्री ने कहा कि बंटवारे के दौरान पाकिस्तान, अफगानिस्तान या बांग्लादेश में रह रहे लोग जो वहां प्रताड़ना का शिकार हो रहे हैं वो भारत आना चाहते हैं और यह कानून सिर्फ उनके लिए है।