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नड्डा से मिल क्या बोले किरोड़ी लाल मीणा कि और बढ़ गईं अटकलें, इस्तीफे का क्या होगा

अपने इस्तीफे से राजस्थान की राजनीति में हलचल मचा देने वाले किरोड़ी लाल मीणा ने गुरुवार को पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से दिल्ली में मुलाकात की। मीणा के इस्तीफे पर अब भी सस्पेंस कायम है।

Sudhir Jha एएनआई, नई दिल्लीFri, 5 July 2024 06:44 AM
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अपने इस्तीफे से राजस्थान की राजनीति में हलचल मचा देने वाले किरोड़ी लाल मीणा ने गुरुवार को पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से दिल्ली में मुलाकात की। मीणा ने मुलाकात के बाद जहां इस्तीफे पर गोलमोल जवाब दिया तो यह जरूर साफ करने की कोशिश की कि उनकी पार्टी या मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से कोई नाराजगी नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह कहकर भी अटकलों को हवा दे दी कि उनकी नड्डा जी से कुछ ऐसी बातें हुईं जिन्हें वह बता नहीं सकते हैं।

जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद मीणा ने गाड़ी में बैठे-बैठे पत्रकारों के कुछ सवालों के जवाब दिए। हालांकि,  उन्होंने यह कहकर अटकलों को हवा दे दी कि कुछ ऐसी बातें हुईं जिन्हें वह बताना नहीं चाहते। उन्होंने कहा, 'बुलाया था नड्डा जी ने। कुछ ऐसी बातें हुईं हैं जिनको मैं बताना नहीं चाहता।' क्या आप इस्तीफे पर कायम हैं? इसके जवाब में मीणा ने कहा, 'यह तो पार्टी तय करेगी। चूंकि मैंने जनता के बीच वचन दे दिया था कि राजस्थान की ये सीटें हार गया तो मंत्री पद छोड़ दूंगा, तो छोड़ दिया है। इस्तीफे की कॉपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के पास है। उन्होंने मुझे फिर 10 दिन के बाद बुलाया है।'

मीणा ने एक बार फिर दोहराया कि उनकी पार्टी में किसी से नाराजगी नहीं है और उनके इस्तीफे की वजह सिर्फ लोकसभा चुनाव के दौरान जनता के सामने किया गया ऐलान था। उन्होंने कहा, 'मेरा कोई दुराग्रह नहीं है। ना यह है कि मैं पार्टी लाइन तोड़ूं, मैंने हमेशा पार्टी लाइन पर काम किया है। ना संगठन से शिकायत है मेरी ना मुख्यमंत्री जी से है। सबका अच्छा प्यार है, सबका सहयोग है। बस इतनी सी बात है कि मैंने जनता से कहा था लोकसभा चुनाव के दौरान इसलिए इस्तीफा देना पड़ा।'

इससे पहले मीणा ने एक वीडियो में कहा कि वह पहले सांसद भी रहे हैं और दौसा, सवाईमाधोपुर एवं करौली क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ थी और रात दिन मेहनत के बावजूद पार्टी को जीत नहीं दिला पाए। उन्होंने कहा, 'इससे मेरा मन खट्टा हो गया और टूट गया। मैंने घोषणा की थी कि अगर इन क्षेत्रों में मैं पार्टी को नहीं जिता पाया तो मंत्री पद छोड़ दूंगा। इसलिए मैनें 5च तारीख को ही इस्तीफा दे दिया था।' उन्होंने कहा कि वह बीच में मुख्यमंत्री से मिले थे और उन्होंने इस्तीफा देने से मना किया था।  

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