पूजा-अर्चना के बाद होगा आज होगा लक्खी मेले का समापन, इस बार इसलिए खास रहा
राजस्थान के सीकर जिला स्थित विश्व प्रसिद्ध खाटूश्यामजी मेले का आज समापन हो जाएगा। सुबह 11:15 बजे खाटू श्याम मंदिर के गुम्बद पर सूरजगढ़ का निशान चढ़ाया जाएगा। इस बार मेला कई मायने में खास रहा है।
राजस्थान के सीकर जिला स्थित विश्व प्रसिद्ध खाटूश्यामजी मेले का आज समापन हो जाएगा। सुबह 11:15 बजे खाटू श्याम मंदिर के गुम्बद पर सूरजगढ़ का निशान चढ़ाया जाएगा। जिसके बाद श्रीश्याम मंदिर कमेटी की ओर से मेले के समापन का औपचारिक ऐलान किया जाएगा।35 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन किए है। फाल्गुन माह में खाटू श्याम मंदिर में लक्खी मेला का आयोजन किया जाता है। इस बार लक्खी मेला की शुरुआत 12 मार्च से हुई है और इसका समापन 21 मार्च 2024 को होगा।देशभर में प्रसिद्ध खाटू श्याम मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है। यहां हर दिन अधिक संख्या में भक्त बाबा श्याम के दर्शन करने के लिए आते हैं और अपनी मनोकामनाओं को पूरी करने के लिए प्रार्थना करते हैं। फाल्गुन माह में खाटू श्याम मंदिर में लक्खी मेला का आयोजन किया जाता है। इस बार लक्खी मेला की शुरुआत 12 मार्च से हुई है और इसका समापन 21 मार्च 2024 को होगा। बाबा श्याम के इस मेले में शामिल होने के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं।
लक्खी मेला को लेकर खाटू श्याम मंदिर को फूलों से बेहद सुंदर तरीके से सजाया गया है और श्याम नगरी बाबा श्याम के रंग में रंग गई है। भक्त बाबा श्याम के दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। बाबा श्याम का विशेष श्रृंगार किया गया है। उनका श्रृंगार चमेली, गुलाब और गेंदे के फूलों किया गया है और मनमोहक वस्त्र पहनाएं गए हैं। बता दें कि लक्खी मेला एक धार्मिक और सामाजिक उत्सव है, जो लोगों को एक-दूसरे के साथ जुड़ने और धार्मिक संगठन को समर्थन देने का अनुभव प्रदान करता है।सोने के मुकुट व रत्न जड़ित हल्के बैंगनी बाने में सलोने श्याम ने जब सज-धज कर दहलीज लांघी तो भाव से भरे भक्त अपनी सुध-बुध भूल गए। उड़ते रंग-गुलाल व बरसते फूलों के बीच बाबा श्याम की एक झलक पाने व उनके रथ को छूने के लिए उनमें होड़ सी मच गई। इस दौरान मंदिर में भी बाबा श्याम का कलकत्ता के रंगीन फूलों व ड्राई फ्रूट से विशेष श्रृंगार किया गया। जो देखते ही श्रद्धालुओं का मन मोह रहा था। मेले का समापन गुरुवार को सूरजगढ़ के निशान के साथ होगा।
श्रद्धालुओं से अटे गलियां, छत व छज्जे
श्याम बाबा की शोभायात्रा देखने आए श्रद्धालुओं की भीड़ से खाटू के हर गली व रास्ते भर गए। शोभायात्रा के मार्ग की तो हर दहलीज, चबूतरे, छत और छज्जे तक श्रद्धालुओं से पट गए। जो जहां था वहीं से श्याम बाबा के जयकारे लगाता हुआ अपने भाव भगवान तक पहुंचाता रहा। मेले में श्रद्धालुओं की श्रद्धा के कई रंग दिखे। पैदल व पेट पलायन तो कोई भावों से झूमते हुए खाटूश्यामजी पहुंचा। एक श्रद्धालु तो नुकीली कीलों पर दंडवत करता हुआ खाटूधाम पहुंचा। निशान लेकर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी खासी रही।