Hindi Newsराजस्थान न्यूज़Kanhaiyalal murder case: Notices issued to 20 police officers in Udaipur for negligence in work

कन्हैयालाल हत्याकांड : लापरवाही के मामले में उदयपुर के 20 पुलिस अफसरों को थमाए गए नोटिस, विभाग में हड़कंप

राजस्थान पुलिस मुख्यालय से जारी आदेशों के तहत कन्हैयालाल हत्याकांड के समय धानमंडी, सूरजपोल, भूपालपुरा व सुखेर थाने के तत्कालीन अधिकारियों व पुलिस कर्मचारियों को नोटिस दिए गए हैं।

Praveen Sharma उदयपुर। लाइव हिन्दुस्तान, Sat, 24 Sep 2022 08:31 PM
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राजस्थान के उदयपुर में तीन माह पहले हुए टेलर कन्हैयालाल तेली हत्याकांड के मामले में लापरवाही को सामने रखते हुए उदयपुर में उस वक्त तैनात 20 पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों 16 सीसी व 17 सीसी के नोटिस जारी किए गए हैं। इसके बाद से ही पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। जिन लोगों को 16 सीसी के नोटिस दिए गए हैं, उन्हें जांच चलने तक ना ही प्रमोशन और ना ही फील्ड पोस्टिंग मिलेगी।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इन नोटिस के जरिये संबंधित थानों के इंचार्ज और पुलिसकर्मियों की घटनाक्रम में रही चूक को लेकर जिम्मेदारी तय की गई है। पुलिस मुख्यालय से जारी आदेशों के तहत कन्हैयालाल हत्याकांड के समय धानमंडी, सूरजपोल, भूपालपुरा व सुखेर थाने के तत्कालीन अधिकारियों व पुलिस कर्मचारियों को नोटिस दिए गए हैं।

विभागीय सूत्रों के मुताबिक, इनमें प्रमुख थाना धानमंडी है, जिसके हलके में कन्हैयालाल की हत्या हुई थी। इससे पहले इसी क्षेत्र में उसे धमकी दी गई थी और बाद में थाने में समझौता हुआ था। दूसरा थाना भूपालपुरा है, जिसके हलके में कलेक्ट्री भी आती है। यहां 20 जून को नुपूर शर्मा की पैगम्बर मोहम्मद पर कथित विवादित टिप्पणी के खिलाफ आंदोलन हुआ था, जहां आपत्तिजनक नारेबाजी हुई थी। पुलिस ने इसको गंभीरता से नहीं लिया था। वहीं, तीसरा थाना सूरजपोल है, जिसके हलके में मुख्य आरोपी रियाज मोहम्मद अत्तारी व गौस मोहम्मद रहते हैं, उसी क्षेत्र में हत्याकांड की साजिश रची गई थी। चौथा थाना सुखेर हैं, जिसके हलके में स्थित फैक्ट्री में आरोपियों ने हत्याकांड के बाद वीडियो बनाकर जारी किया था। इन सभी मामलों में थानाधिकारी से लेकर बीट इंचार्ज तक की लापरवाही मानी गई है।

आपको बता दें कि गत 28 जून को उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल तेली की कट्टरपंथी रियाज मोहम्मद अत्तारी व गौस मोहम्मद ने चाकू से गर्दन काटकर जघन्य हत्या कर दी थी। इसके बाद वीडियो बनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी धमकी दी गई थी। राजस्थान पुलिस ने चार घंटे बाद आरोपियों को अजमेर के रास्ते में भीम के पास गिरफ्तार कर लिया गया था। बाद में मामले की जांच एनआईए को सौंप दी गई थी।

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