कन्हैयालाल हत्याकांड: चश्मदीद राजकुमार 50 हजार रुपये महीना कमाता था, तीन महीने से आमदनी बिल्कुल बंद, आठ दिनों से वेंटिलेटर पर
राजकुमार सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक कन्हैयालाल की दुकान पर टेलरिंग का काम करते। और रात आठ बजे से देर रात एक बजे तक जोमेटो व स्वीगी पर डिलिवरी का काम करते। तब कहीं जाकर घर चलता था।
कन्हैयालाल हत्याकांड के चश्मदीद टेलर राजकुमार शर्मा वेंटिलेटर पर आठ दिनों से जिंदगी के लिए मौत से संघर्ष कर रहे हैं। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है। इस घटना से पहले वो रात-दिन मजदूरी कर पचास हजार रुपये महीना कमाते थे। अब आमदनी जीरो हो गई है।
गत 28 जून के बाद से राजकुमार शर्मा एक तरह से एनआईए की हिरासत में ही रहा। उसके साथ पुलिसकर्मी साये की तरह रहे। घर से निकलने पर पाबंदी लगा दी गई। पांच बार वो एनआईए अधिकारियों के साथ जयपुर गवाही और बयानों के लिए गया। इसमें शिनाख्तगी परेड भी शामिल थी। हालांकि आने जाने का किराया और खाने पीने का इंतजाम सुरक्षा एजेंसियों ने ही किया था। मीडिया में आने के बाद उसे राशन सामग्री और कुछ हजार रुपए मदद मिली, लेकिन इससे उसका घर कैसे चल सकता है। मकान की किश्त ही 20 हजार रुपये हैं। दो बच्चे हैं। एक लड़का और एक लड़की। बेटी आने वाले दिनों में शादी करनी है।
रात एक बजे तक करते थे काम
चश्मदीद राजकुमार के परिजनों ने बताया कि घटना से पहले वो पचास हजार रुपये महीना कमाते थे। सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक कन्हैयालाल की दुकान पर टेलरिंग का काम करते। और रात आठ बजे से देर रात एक बजे तक जोमेटो व स्वीगी पर डिलिवरी का काम करते। तब कहीं जाकर घर चलता था। अब परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा है। पत्नी और बच्चे अस्पताल में राजकुमार की तबीयत ठीक करने के लिए दुआएं मांग रहे हैं।
आपको बता दें कि गत 28 जून को मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा टेलर कन्हैयालाल की गला रेत कर हत्या करने की घटना में चश्मदीद राजकुमार शर्मा को आठ दिन पहले ब्रेन हेमरेज हो गया था। तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर राजकुमार शर्मा के ब्रेन का लंबा ऑपरेशन हुआ है। तब से वो वेंटिलेटर पर है। मेडिकल बोर्ड उसके स्वास्थ्य पर नजर रखे हुए हैं।