जेपी नड्डा के हिमाचल में सचिन पायलट के प्रचार से हुआ उलटफेर !, पढ़िये ये रिपोर्ट
जेपी नड्डा के गृह राज्य हिमाचल प्रदेश में बीजेपी की हार और कांग्रेस की जीत से राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट का कद बढ़ गया है। हिमाचल चुनाव में सचिन पायलट स्टार प्रचारक थे।
जेपी नड्डा के गृह राज्य हिमाचल प्रदेश में बीजेपी की हार और कांग्रेस की जीत से राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट का कद बढ़ गया है। पायलट का हिमाचल चुनाव में प्रचार का असर दिखाई दिया है। कांग्रेस ने सचिन पायलट को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में स्टार प्रचारक बनाया था। सचिन पायलट ने जिन कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभाएं की वहां पर कांग्रेस को जबर्दस्त सफलता मिली है। सचिन पायलट ने मंडी, कांगड़ा और शिमला में कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार किया था। कांग्रेस का बंपर जीत मिली है। हिमाचल में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत से ज्यादा सीटें मिली है। बता दें, कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट, पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा को पर्यवेक्षक बनाया था। जबकि छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल को वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाया था। हिमाचल चुनाव में सचिन पायलट को स्टार प्रचारकर बनाया, पार्टी को फायदा भी मिला। सचिन पायलट ने हिमाचल में जमकर चुनाव प्रचार किया था। पायलट ने लगभग अपनी हर चुनावी सभा में डबल इंजर सरकार पर निशाना साधा था। पायलट ने डबल इंजन सरकार का एक इंजन खराब होने का हवाला देकर कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए वोट मांगे। जिसके परिणाम बेहद सुखद आए है।
पायलट की प्रचार की रणनीति रही सफल
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सचिन पायलट ने छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और प्रताप सिंह बाजवा के साथ चुनाव जो रणनीति बनाई थी, वह सफल हो गई। प्रत्याशियों के चयन और आक्रामक चुनाव प्रचार से कांग्रेस को हिमाचल बड़ी सफलता मिली है। सचिन पायलट ने अपनी हर सभा में पुरानी पेंशन योजना बहाली का वादा किया था। हिमाचल में पुरानी पेंशन बहाली पुराना मुद्दा रहा है। कांग्रेस ने इस मुद्दे के सहारे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के गृह राज्य में सेंध लगा दी। हिमाचल में कांग्रेस की जीत इसलिए विशेष मायने रखती है कि यह बीेजेपी के राष्ट्रीय ्अध्यक्ष जेपी नड्डा का गृह राज्य है। पायलट ने जेपी नड्डा के गढ़ में जाकर चुनावी सभाएं की।
गुजरात चुनाव में गहलोत की रणनीति फेल
उल्लेखनीय है कि हिमाचल चुनाव में कांग्रेस ने गहलोत सरकार की योजनाओं को अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल किया था। सचिन पायलट ने राजस्थान की योजनाओं का सहारा लेकर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। हिमाचल प्रदेश के चुनाव परिणाम से कांग्रेस आलाकमान की नजर में सचिन पायलट का कद बढ़ सकता है। जबकि गुजरात चुनाव परिणाम कांग्रेस के अनुकूल नहीं रहे हैं। कांग्रेस आलाकमान ने सीएम अशोक गहलोत को गुजरात चुनाव में विशेष पर्यवेक्षक बनाया था। इस बार गहलोत का जादू गुजरात में नहीं चला। जबकि कांग्रेस आलाकमान ने सीएम अशोक गहलोत को खुलकर खेलने का मौका दिया था।