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'प्रिंसिपल करवाता है चौकीदारी, कहता है- मेरे साथ में खाना खाओ, मेरा स्वागत करो', बाड़मेर की छात्राओं के बड़े आरोप

राजस्थान के सीमावर्ती बाड़मेर जिले के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्राओं ने शुक्रवार को एक वीडियो वायरल कर अपने प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्राओं का आरोप है कि उनके साथ गलत व्यवहार...

Vishva Gaurav लाइव हिंदुस्तान, बाड़मेर।Fri, 4 March 2022 04:47 PM
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राजस्थान के सीमावर्ती बाड़मेर जिले के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्राओं ने शुक्रवार को एक वीडियो वायरल कर अपने प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्राओं का आरोप है कि उनके साथ गलत व्यवहार करने के साथ ही प्रिंसिपल उनसे चौकीदारी करवाता है। मामला बाड़मेर जिले के शिव ब्लॉक के हरसाणा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय का है।

प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप
शुक्रवार को विद्यालय की कक्षा 6 से 8 की छात्राओं ने एक सामूहिक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो में छात्राएं एक-एक कर प्रिंसिपल पर आरोप लगा रही हैं। छात्राओं का आरोप है कि प्रिंसिपल उनसे जबरन चौकीदारी करवाता है, उनके साथ गलत व्यवहार करने के साथ ही उन्हें अपने साथ खाना खाने के लिए मजबूर करता है।

'स्वागत के लिए करता है मजबूर'
छात्राओं का आरोप है कि प्रिंसिपल उन्हें मजबूर करता है कि जब वह स्कूल आएं तो वे गेट पर खड़ी रहें और उसका स्वागत करे। जब वह जाएं, तो गेट तो उसे छोड़ने जाएं।

विरोध करने पर नहीं मिलता खाना
छात्राओं का आरोप है कि जब वे प्रिंसिपल की हरकतों का विरोध करती हैं, तो उस दिन उन्हें खाना नहीं दिया जाता। इतना ही नहीं उन्हें टीसी देकर निकालने की धमकी दी जाती है। उन्हें प्रताड़ित किया जाता है। 

पहले भी कर चुकी हैं शिकायत
बताया गया कि छात्राएं इस मामले पहले भी जिला कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री स्तर तक शिकायत कर चुकी हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने के बाद उन्होंने शुक्रवार को वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। छात्राओं ने वीडियो में कहा कि वे इस चाहती है कि जल्द से जल्द इस प्रिंसिपल को हटाया जाए।

मेरे खिलाफ साजिश: प्रिंसिपल
इस मामले में प्रिंसिपल कैलाश आर्य से बात करने पर उन्होंने बताया कि यह उनके खिलाफ साजिश है। आर्य ने कहा कि उनसे पहले इस विद्यालय में पदस्थापित अधिकारियों ने लाखों रुपये का गबन किया था, जिसकी जांच उनके कार्यकाल में हुई और सारी सच्चाई सामने आई। जिसके बाद गांव वाले उसके खिलाफ हो गए हैं। आर्य ने कहा कि वह छात्राओं को नकल नहीं करने देते, जिससे वे भी उनके खिलाफ हो गयी हैं।

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