Hindi Newsराजस्थान न्यूज़Even if life is lost will not let the country fall on the Talibani culture Ajmer Dargah Diwan said on Man beheaded in Udaipur

भले ही जान चली जाए, देश को तालिबानी कल्चर पर नहीं आने देंगे; उदयपुर की घटना पर बोले अजमेर दरगाह के दीवान

अजमेर दरगाह दीवान साहब ने इस बर्बर घटना की निंदा करते हुए कहा कि ऐसे कृत्यों के लिए ना तो कुरान शरीफ और ना ही पैगम्बर मोहम्मद इजाजत देते हैं। उन्होंने समाज के सभी लोगों से शांति की अपील की है।

Praveen Sharma उदयपुर। लाइव हिन्दुस्तान, Tue, 28 June 2022 10:55 PM
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राजस्थान के उदयपुर में तालिबानी अंदाज में एक टेलर की नृशंस हत्या किए जाने की घटना की चौतरफा निंदा हो रही है। कई मुस्लिम संगठनों और मौलवियों ने भी इसे दुखद बताते हुए साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश बताया है। 

अजमेर दरगाह दीवान साहब ने इस बर्बर घटना की निंदा करते हुए कहा कि ऐसे कृत्यों के लिए ना तो कुरान शरीफ और ना ही पैगम्बर मोहम्मद इजाजत देते हैं। उन्होंने समाज के सभी लोगों से शांतिपूर्ण तरीके से एकता और अखडंता बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि 
भले ही हमारी जान चली जाए, लेकिन हम देश को तालिबानी कल्चर पर नहीं आने देंगे। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों द्वारा इस तरह की हरकतों से इस्लाम और देश बदनाम होने के साथ ही बेगुनाहों का खून होना गलत है।

दीवान साहब ने कहा कि सरकार को दोषियों के खिलाफ आईपीसी और सीआरपीसी की संगीन धाराओं में केस दर्ज कर सख्त से सख्त सजा देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मोबाइल और सोशल मीडिया पर इस तरह की गलत बयानबाजी करने वाले लोगों को प्रचारित ना करे और अगर ऐसा होता है तो उनकी निंदा की जानी चाहिए। 

वहीं, एक और मुस्लिम धर्मगुरु ने कहा कि उदयपुर की घटना के दोनों दोषियों को फास्टट्रैक कोर्ट बनाकर जल्द से जल्द सजा दी जाए और ऐसी सजा दी जानी चाहिए जो मिसाल बने।

उदयपुर की घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है: जमीयत

उदयपुर (भाषा)। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने पवित्र पैगंबर के कथित अपमान के संदर्भ में उदयपुर में की गई हत्या की निंदा की है। जमीयत उलेमा-ए- हिंद के प्रेस सचिव द्वारा भेजे गए एक बयान में उन्होंने कहा कि जिसने भी इस घटना को अंजाम दिया उसे किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता, यह देश के कानून और हमारे धर्म के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में कानून की व्यवस्था है, किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने देश के सभी नागरिकों से अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने और देश में कानून व्यवस्था बनाए रखने में अपनी भूमिका निभाने की अपील की।

 

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