राजस्थान के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगी दलपतसिंह की शौर्यगाथा
प्रथम विश्व युद्ध में अपने रण कौशल से यूरोप की सेना से इजराइल के हैफा शहर को आजाद करवाकर यूनियन जैक व हिंद सेना का ध्वज फहराने वाले हैफा हीरो दलपतसिंह शेखावत की जीवनी अब स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल...
प्रथम विश्व युद्ध में अपने रण कौशल से यूरोप की सेना से इजराइल के हैफा शहर को आजाद करवाकर यूनियन जैक व हिंद सेना का ध्वज फहराने वाले हैफा हीरो दलपतसिंह शेखावत की जीवनी अब स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगी। शेखावत के बलिदान दिवस पर यह बड़ी सौगात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दी है।
उनके बलिदान दिवस पर जिलेभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। शहर में जनप्रतिनिधियों व राजनेताओं ने उनकी प्रतिमा पर जाकर पुष्प अर्पित किए। साथ ही उनके जीवन आदर्श को अपनाने का संकल्प लिया। जानकारी के अनुसार 23 सितंबर को इजराइल के साथ ही भारत में इस दिन को हाइफा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इजराइल में तो हाइफा हीरो दलपतसिंह व डिगरना की वीरता के किस्सों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जा चुका है।
अब प्रदेश में भी राज्य सरकार ने इसे स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा कर दी है। ज्ञात रहे कि 23 सितंबर, 1918 को जोधपुर लांसर व मैसूर लांसर के घुड़सवारों ने हैफा शहर पर चढ़ाई की और एक घंटे में ही हैफा शहर के दुर्ग पर विजय पताका फहरा दी। भारतीय शूरवीरों ने जर्मन-तुर्की सेना के 700 सैनिकों को युद्धबंदी बना लिया।
भारतीय शूरवीरों ने जर्मन-तुर्की सेना की 17 तोपें, 11 मशीनगन व हजारों की संख्या में जिंदा कारतूस भी जब्त कर लिए। हैफा शहर का यह हमला विश्व में घुड़सवार हमले का सबसे महत्वपूर्ण युद्ध माना गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को हैफा हीरो दलपतसिंह शेखावत के बलिदान दिवस पर उनकी जीवनी को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा की है। इसमें मेजर ठाकुर दलपतसिंह के साथ शहादत देने वाले घुड़सवार सोवर तगतसिंह, सोवर शहजाद सिंह, मेजर शेर सिंह आईओएम, दफादार धोकल सिंह, सोवर गोपाल सिंह और सोवर सुल्तान सिंह के जीवनी को भी पढ़ाया जाएगा।