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अजा-जजा रेजिडेंशियल गर्ल्स स्कूल का हाल: सड़े कद्दू, चार दिन पुरानी भिंडी, वार्डन-चौकीदार गायब, सभी विषयों के लिए एक ही अध्यापिका

उदयपुर में धोल की पाटी गांव में स्थित कस्तूरबा गांधी गवर्मेंट रेजिडेंशियल गर्ल्स स्कूल के हाल देखकर आप भी चौंक जाएंगे। यहां सरकार के पैसों की बेकद्री और बालिकाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।

Vishva Gaurav लाइव हिंदुस्तान, उदयपुर।Fri, 9 Sep 2022 04:58 AM
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राजस्थान के उदयपुर में धोल की पाटी गांव में स्थित कस्तूरबा गांधी गवर्मेंट रेजिडेंशियल गर्ल्स स्कूल के हाल देखकर आप भी चौंक जाएंगे। यहां सरकार के पैसों की बेकद्री और बालिकाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। यहां पढ़ाई से लेकर छात्रावास में कोई काम मापदंड के मुताबिक नहीं हो रहा है। इसमें अनुसूचित जाति और जनजाति की आठवीं तक की बालिकाएं पढ़ाई कर रही हैं। यह सच सामने लाने वाले विधि सेवा प्राधिकरण सचिव एवं एडीजे (अतिरिक्त जिला न्यायाधीश) कुलदीप शर्मा है। उन्होंने इस स्कूल का निरीक्षण कर अंधेरगर्दी की पूरी पोल खोल दी है।

इस स्कूल के हालात देखकर अधिकारी और उनके साथ गई टीम के सदस्य भी भौचक्के रह गए। यहां कोई भी काम निर्धारित मापदंड पर नहीं हो रहा है। सबसे पहले पढ़ाई की बात करते हैं। पांच अध्यापिकाएं तैनात हैं। दो प्रसूति अवकाश पर हैं। एक वार्डन अनुपस्थित थीं। अंशकालिक एक अध्यापिका मिली जो सारे विषय पढ़ाती हैं। गणित, विज्ञान, हिंदी, अंग्रेजी पढ़ने वाली छठी से आठवीं की छात्राओं से संबंधित विषयों के सवाल पूछे गए तो वे सामान्य सवालों के जवाब भी नहीं दे पाईं। लंबे समय से बालिकाओं की कॉपियों को जांचा भी नहीं गया है।

अब बात करते हैं बच्चियों की सुरक्षा की
यहां शाम पांच बजे तक कोई चौकीदार तक नहीं था। वार्डन भी गायब मिलीं। यहां ज्यादातर बालिकाएं कुपोषित पाई गईं। इसका मतलब यह है कि उन्हें जो पोषण मिलना चाहिए वो नहीं मिल रहा है।

छात्रावास में खाना-पीना
छात्रावास के किचन में चार दिन पुरानी सब्जियां, सड़े कद्दू, बासी भिंडी आदि सामान मिला। डाइट चार्ट के मुताबिक कोई भी सामान छात्रावास में नहीं था। सुबह का नाश्ता, दोपहर का भोजन, रात का खाना भी नियमित रूप से नहीं दिया जा रहा है। उनके कपड़े गंदे या फटे हुए मिले हैं।

नहीं मिल रहा है बालिकाओं को उनका अधिकार : एडीजे
एडीजे कुलदीप शर्मा ने बताया कि बालिकाओं को उनके अधिकार नहीं मिल रहे हैं। इस छात्रावास के तीसरी बार निरीक्षण में भी हालात जस के तस ही मिले हैं। यह बहुत ही गंभीर मामला है। केवल उपस्थिति रजिस्टर ही संधारित किया जा रहा है। कागजों में ही राशि उठाई जा रही है। बालिकाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। सभी जिम्मेदार शिक्षा अधिकारियों को रिपोर्ट भेजकर पांच साल की ऑडिट करवाने का कहा जाएगा। इसके बाद ही आगे कार्रवाई की जाएगी।

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