भजनलाल सरकार का बड़ा फैसला, स्कूल कैलेंडर में शामिल हुआ रामलला का प्राण प्रतिष्ठा दिवस
राजस्थान सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए अयोध्या में जिस दिन रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी, उसे स्कूल कैलेंडर में त्योहार के तौर पर शामिल किया गया है। इसकी सूचना शिक्षा विभाग ने दी है।
राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। अयोध्या में जिस दिन रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी, उसे स्कूल कैलेंडर में त्योहार के तौर पर शामिल किया गया है। इसकी सूचना स्कूल शिक्षा विभाग ने दी है। अभिभावकों के लिए जारी किए गए इस कैलेंडर में उन विषयों की रूपरेखा दी गई है, जिन पर उन्हें छात्रों के साथ चर्चा करके उनकी ग्रोथ (विकास) पर नजर रखनी चाहिए। इसमें पूरे साल के दौरान महीनेवार त्योहारों की भी जानकारी दी गई है।
स्कूल कैलेंडर में 22 जनवरी (रामलला प्राण प्रतिष्ठा का दिन) को त्योहार के रूप में चिह्नित किया गया है, लेकिन कैलेंडर में यह नहीं बताया गया है कि स्कूल इस दिन को कैसे मनाएंगे या छात्रों से किस तरह की गतिविधियों में हिस्सा लेने की उम्मीद की जाती है। जबकि कैलेंडर, अन्य त्योहारों या महत्वपूर्ण दिनों को कैसे मनाया जाए, इसके बारे में सामान्य निर्देश देता है।
वर्तमान एकेडमिक इयर को कवर करते हुए, पंचांग में त्योहारों, राष्ट्रीय छुट्टियों और महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय दिवसों की लिस्ट दी गई है। राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिवालर ने कहा, 'प्रतिष्ठा दिवस को कैलेंडर में शामिल किया गया है क्योंकि यह एक ऐतिहासिक दिन है। हम इस बात पर विशेषज्ञों से सलाह ले रहे हैं कि स्कूलों में इस दिन को कैसे मनाया जा सकता है। 22 जनवरी को कोई छुट्टी नहीं होगी और इसे सभी कक्षाओं के छात्र मनाएंगे।'
राम मंदिर में पुजारी अब भगवा की जगह पीले वस्त्र पहनेंगे
हाल ही में अयोध्या के राम मंदिर के पुजारियों ने अपनी पोशाक बदल दी है और उनके मंदिर में मोबाइल फोन ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मंदिर न्यास के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। ट्रस्ट के अधिकारियों के अनुसार, 'यहां राम मंदिर के पुजारियों की पोशाक में बदलाव किया गया है। अब तक गर्भगृह में भगवा रंग के कपड़े पहने नजर आने वाले पुजारी अब पीले रंग की (पीतांबरी) धोती के साथ उसी रंग का कुर्ता और पगड़ी पहन रहे हैं।' पहले राम लला के गर्भगृह में मौजूद पुजारी भगवा पगड़ी, भगवा कुर्ता और धोती पहनते थे।