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जिस बच्चे को पाल-पोसकर किया बड़ा, फिर खुद ही रचा ली शादी; हैरान कर देगा राजस्थान का यह मामला

राजस्थान के अलवर में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जो सुनने में किसी फिल्मी कहानी जैसा लगता है। आज भी जो कोई इस कहानी को सुनता है इसकी तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाता।

Praveen Sharma अलवर। लाइव हिन्दुस्तान, Sun, 16 June 2024 03:57 PM
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राजस्थान के अलवर में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जो सुनने में किसी फिल्मी कहानी जैसा लगता है। यहां एक महिला ने अपने पति की मौत के बाद जन्मे देवर का पहले तो अपने बच्चे की तरह पालन-पोषण किया और फिर शादी लायक होने पर उसे ही अपना जीवन साथी बना लिया। अब इस दंपती के 3 बच्चे हैं, जिसमें बेटा राजस्थान पुलिस में जॉब करता है, जबकि दो बेटियां नर्स हैं। 65 साल पहले हुई यह घटना आज भी पूरे गांव में चर्चा का विषय है। आज भी जो कोई इस कहानी को सुनता है इसकी तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाता।

दरअसल, यह मामला अलवर जिले के बहरोड़ गादोज गांव कहा है। करीब 65 साल पहले कमला देवी के पति की शादी के तीन महीने बाद सांप के काटने से मौत हो गई थी। पति की असमय मौत से दाम्पत्य जीवन शुरू होने से पहले ही उसमें अंधेरा छा गया। हालांकि, कमला देवी ने हार नहीं मानी। पति की मौत के कुछ दिन बाद उनकी सास ने फिर से गर्भ धारण कर लिया, जिससे कमला के मन में फिर से सुहागन बनने की उम्मीद जाग गई। उन्होंने अपने मायके पक्ष और ससुराल वालों से कह दिया कि अब अगर मेरी सास के लड़का होगा तो वही मेरा पति होगा, लेकिन में घर छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगी। करीब नौ महीने बाद कमला देवी की सास के फिर से एक लड़का हुआ। जिससे उनके घर में खुशियां छा गईं और कमला देवी के सूने जीवन में उम्मीद की नई उम्मीद जाग गई।

पहले बेटे की तरह पाला : कमला देवी ने बताया कि सास के लड़का होने पर मेरे परिवार और ससुराल पक्ष में खुशियां छा गईं। उस लड़के का नाम नत्थू सिंह रखा गया। मैंने और मेरी सास ने उस बच्चे को बड़े लाड़-प्यार से पाला। नत्थू सिंह के बड़े होने पर मेरे जीने की उम्मीद भी पूरी होने लगी। उसके 20 साल का होने पर मैंने पूरे विधि विधान से अपने देवर नत्थूराम को अपना जीवन साथी चुन लिया। मेरे जीवन में दोबारा से खुशियां लौटाने पर मैंने भगवान का धन्यवाद किया और मुझे आगे कोई और दुख न देने के लिए मन्नत भी मांगी।

देवर संग डोर जुड़ने के बाद एक बेटा और दो बेटियों को जन्म

ग्रामीण अतर सिंह ने बताया कि मेरे चाचा के बेटे की सांप के काटने से मौत हो जाने के बाद हमारे घर में गमगीन माहौल हो गया था। हालांकि, मेरी भाभी ने कभी हिम्मत नहीं हारी और कहा कि मैं इस घर को छोड़कर नहीं जाऊंगी, चाहे मुझे मेरे सास-ससुर की सेवा करके जीवन बिताना पड़े। लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था। कुछ दिन बाद मेरी चाची को एक और लड़का हो गया। इसके बाद मेरी भाभी ने उस बच्चे को बड़े ही लाड़-प्यार से पाला और फिर उसी को अपना जीवन साथी मान लिया। आज ईश्वर की कृपा से पूरा परिवार संपन्न है।

अतर सिंह ने कहा कि पहले और आज के समय में बहुत फर्क है। पहले की महिलाएं अपना जीवन पति के बैगर भी गुजार लेती थीं, लेकिन आज की बेटियों शादी के बाद आते ही लड़ाई झगड़ा करने लगती और फिर परिवार टूटता चला जाता है।

कमला के मिलने से मेरा जीवन सफल हो गया : कमला देवी के पति नत्थूराम ने बताया कि में बड़ा हुआ तो मुझे पूरी बात का पता चला। कमला देवी को पत्नी के रूप में पाकर मेरा जीवन सफल हो गया। उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि जिस कमला ने मुझे अपने बच्चे की तरह लाड़-प्यार से पाला और बड़ा होने पर मुझे अपने पति के रूप में मान लिया। मेरा पूरा परिवार सुखी है।

रिपोर्टर हंसराज

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