मोदी सरकार के मुरीद हुए अजमेर दरगाह के दीवान, राम मंदिर से लेकर CAA तक क्या-क्या कहा
अजमेर दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने कहा कि विपक्ष द्वारा एक गलत भ्रम पैदा किया जा रहा है। संविधान में संशोधन करना अलग बात है। इसे संविधान बदलने से नहीं जोड़ा जा सकता है।
अजमेर शरीफ दरगाह के दीवान भी अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार और भाजपा के मुरीद हो गए हैं। उन्होंने राम मंदिर से लेकर सीएए तक जैसे कई मुद्दों पर खुलकर भाजपा के कामों का समर्थन करते हुए विपक्ष पर निशाना भी साधा है। उन्होंने कहा कि देश प्रगति कर रहा है और आज दुनिया में भारत का जो मुकाम है वह भाजपा सरकार की बदौलत है।
लोकसभा चुनावों के बीच अजमेर शरीफ दरगाह के दीवान इस तरह के बयानों को काफी अहम माना जा रहा है। वहीं, विपक्ष के इस आरोप पर कि भाजपा संविधान बदलना चाहती है? इस पर अजमेर दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने कहा कि एक गलत भ्रम पैदा किया जा रहा है। संशोधन करना अलग बात है। इसे संविधान बदलने से नहीं जोड़ा जा सकता है।
दरगाह के दीवान ने शनिवार को एक इंटरव्यू में कहा कि संविधान 1950 में बनाया गया था, तब से लेकर अब तक संसद में इसमें कितने संशोधन किए गए हैं? राष्ट्रहित और जनहित में यदि संशोधन की जरूरत होगी तो किए ही जाएगे। झूठा भ्रम पैदा किया जा रहा है। क्या 1975 में इंदिरा गांधी द्वारा लगाया गया आपातकाल एक संशोधन नहीं था? संशोधन करने को संविधान बदलने से नहीं जोड़ा जा सकता है।
सैयद जैनुल ने आगे भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि देश पिछले 10 वर्षों में प्रगति कर रहा है और दुनिया में देश ने जो मुकाम हासिल किया है वह मौजूदा सरकार की देन है। उन्होंने कहा कि जनता को भी देखना चाहिए कि हमारे देश को प्रगति की ओर कौन ले जा रहा है और फिर इसके आधार पर अपने वोट का उपयोग करना चाहिए।
यह पूछे जाने पर कि क्या राम मंदिर चुनाव में मुद्दा होगा? सैयद जैनुल आबेदीन ने कहा कि राम मंदिर एक मुद्दा हो सकता है, लेकिन इसे चुनाव से नहीं जोड़ा जा सकता। उन्होंने कहा कि राम मंदिर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही बना। इसमें श्रेय लेने की कोई बात नहीं है। जनता इस बात को समझती है। जब सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला दे दिया है तो इससे आहत होने का कोई मतलब नहीं है।
साथ ही उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून पर बोलते हुए कहा कि जब हमारा देश दो हिस्सों में बंटा तो लोग दुनिया में अलग-अलग जगहों पर जाकर बस गए थे। अब जब उन्हें वापस आना होगा तो कहां जाएंगे? उनको पुराने देश की नागरिकता देने के लिए ही यह कानून लाया गया है।