Hindi Newsराजस्थान न्यूज़After Calcutta High Court order Rajasthan government plans to review 14 Muslim groups on OBC list

राजस्थान में OBC लिस्ट में शामिल 14 मुस्लिम समूहों की होगी समीक्षा, कलकत्ता HC के आदेश के बाद ऐक्शन में भजनलाल सरकार

राजस्थान के सामाजिक न्याय मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि हम 4 जून के बाद यह जांच करेंगे कि 1997 से 2013 तक ओबीसी सूची में इन (मुस्लिम) समुदायों को शामिल करना कानूनी था या अवैध।

Praveen Sharma जयपुर। लाइव हिन्दुस्तान, Sat, 25 May 2024 09:38 AM
share Share

भाजपा शासित राजस्थान अब अपनी ओबीसी सूची में 14 मुस्लिम समूहों की समीक्षा करने पर विचार कर रहा है। कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा हाल ही में बंगाल की टीएमसी सरकार द्वारा ओबीसी के रूप में वर्गीकृत 77 वर्गों, जिनमें ज्यादातर मुस्लिम हैं को खत्म कर दिया गया है।

राजस्थान के सामाजिक न्याय मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि हम 4 जून के बाद यह जांच करेंगे कि 1997 से 2013 तक ओबीसी सूची में इन (मुस्लिम) समुदायों को शामिल करना कानूनी था या अवैध। उन्होंने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि धर्म-आधारित आरक्षण गलत था।

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने लखनऊ में चुनाव प्रचार करते हुए इंडिया गठबंधन पर जमकर हमला बोला। उन्होंने इंडिया गठबंधन के घटक दल टीएमसी और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर मुसलमानों को ओबीसी आरक्षण देकर तुष्टिकरण की सभी सीमाएं लांघने और गंभीर पाप करने का आरोप लगाया।

बंगाल ओबीसी अधिनियम कानून का उल्लंघन था : कलकत्ता हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने बुधवार को अपने आदेश में 2010 के बाद बंगाल में ओबीसी की सभी नए कैटेगरियों को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि अधिकारियों ने संवैधानिक मानदंडों के विचलन में सुरक्षात्मक भेदभाव किया। हाईकोर्ट का यह फैसला 2011 में पार्टी के पहली बार सत्ता में आने के बाद से लगातार टीएमसी सरकारों द्वारा दिए गए सभी ओबीसी प्रमाणपत्रों को प्रभावी रूप से अमान्य कर देता है। आदेश में बताया गया है कि 2010 में बंगाल में पिछड़े मुसलमानों के लिए 10% आरक्षण की घोषणा के छह महीने के भीतर राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने 42 समूहों को ओबीसी के रूप में शामिल करने की सिफारिश की थी, जिनमें से 41 समुदाय मुस्लिम थे।

न्यायाधीशों ने पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग अधिनियम, 2012 के प्रावधानों पर सवाल उठाया था, जिसने राज्य सरकार को गजट नोटिफिकेशन के माध्यम से ओबीसी ए और बी सूची के तहत नई श्रेणियों को शामिल करने की अनुमति दी थी।

अगला लेखऐप पर पढ़ें