सर्वे ने की राजस्थान में BJP की जीत की भविष्यवाणी, लेकिन गहलोत के 'जादू' से 2 टेंशन
ताजा सर्वे में भविष्यवाणी की गई है कि राजस्थान भाजपा को सरकार बनाने में कामयाबी मिल सकती है। पीएम मोदी की अगुआई में कैंपेन का आगाज कर चुकी भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलने का आकलन किया गया है।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। कांग्रेस जहां अपना राज कायम रखने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है तो भाजपा 'रिवाज' के मुताबिक सत्ता पर काबिज होने को दमखम लगा रही है। इस बीच एक ताजा सर्वे में भविष्यवाणी की गई है कि राजस्थान भाजपा को सरकार बनाने में कामयाबी मिल सकती है। पीएम मोदी की अगुआई में कैंपेन का आगाज कर चुकी भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलने का आकलन किया गया है। हालांकि, सर्वे में कुछ बातें ऐसी भी सामने आईं जो बीजेपी की चिंता बढ़ा सकती हैं तो कांग्रेस को राहत मिल सकती है।
क्या है सर्वे का दावा
एबीपी न्यूज और सी वोटर की ओर से गुरुवार शाम जारी ओपिनियन पोल में राजस्थान में इस बार भाजपा की सरकार बनने की भविष्यवाणी की गई है। सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक 200 सीटों वाली विधानसभा में भाजपा को 109-119 सीटों पर जीत हासिल हो सकती है। कांग्रेस को 78-88 सीटें मिलने का अनुमान जाहिर किया गया है। अन्य को 1-5 सीटें मिलने की बात कही गई है। भाजपा को 46 फीसदी वोट हासिल हो सकता है। कांग्रेस को 41 फीसदी और अन्य के खाते में 13 फीसदी वोट जाने का अनुमान है।.
सीएम उम्मीदवार के तौर पर गहलोत पहली पसंद
सर्वे में जहां एक तरफ भाजपा की सरकार बनने की भविष्यवाणी की गई है तो सर्वे में अशोक गहलोत का जादू भी दिखा है जो भाजपा के लिए चिंता की बात हो सकती है। सर्वे में शामिल लोगों से जब पूछा गया कि मुख्यमंत्री पद के लिए आपकी पहली पसंद कौन है तो सबसे अधिक लोगों ने मौजूदा सीएम अशोक गहलोत का नाम लिया। 35 फीसदी लोगों ने गहलोत को पहली पसंद बताया तो भाजपा नेता वसुंधरा राजे को 25 फीसदी लोगों ने चुना। 19 फीसदी ने पायलट का नाम लिया तो 9 फीसदी ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत को अपनी पसंद बताया। 5 फीसदी ने राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और 7 फीसदी ने अन्य का विकल्प चुना।
गहलोत के कामकाज से संतुष्ट
सर्वे में एक और बात जो भाजपा को टेंशन दे सकती है वह यह है कि राजस्थान में अधिकतर लोग गहलोत के कामकाज से संतुष्ट दिख रहे हैं। 41 फीसदी लोगों ने कहा कि वह गहलोत के कामकाज से बहुत संतुष्ट हैं। वहीं 35 फीसदी लोगों ने खुद को कम संतुष्ट बताया। 21 फीसदी लोग असंतुष्ट हैं तो 3 फीसदी ने 'पता नहीं' कहा।